Chhattisgarh News: हाथी और इंसानों में जारी संघर्ष के बीच बलरामपुर में फिर एक हाथी की हुई मौत, क्षेत्र में डर का माहौल

Chhattisgarh News: . संभाग में तीन सालों में हाथियों ने जहां 99 लोगों को मारा है, तो वहीं क्षेत्र में लोगों ने 40 से अधिक हाथियों को बिजली करंट और अन्य तरीकों से मार डाला है.
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वाड्राफ़नगर क्षेत्र (फाइल फोटो)

Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग में हाथियों की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है. बलरामपुर जिले के वाड्राफ़नगर क्षेत्र में एक जंगली हाथी की मौत हो गई. आशंका है कि करंट की चपेट में आने से या इसे जहर देकर मारा गया होगा. कभी हाथी इंसानों को मार रहे हैं तो कभी इंसान हाथियों को मार रहे हैं. यहां हाथी और लोगों के बीच संघर्ष के हालत बन गए हैं. संभाग में तीन सालो में हाथियों ने जहां 99 लोगों को मारा है, तो वहीं क्षेत्र में लोगों ने 40 से अधिक हाथियों को बिजली करंट और अन्य तरीकों से मार डाला है. वहीं कुछ हाथियों की समान्य मौत भी हुई है. इसके बाद भी हाथी और इंसानों के बीच ख़ूनी संघर्ष को रोका जा सके इसके लिए कोई ठोस पहल नहीं किया गया है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल बलरामपुर जिले के वाड्रफ़नगर इलाके में 35 हाथियों का दल एक माह से अलग-अलग गावों में घूम रहा है. हाथी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो मकानों को भी तोड़ रहे हैं. इस बीच वन परिक्षेत्र वाड्रफनगर के फोकली महुआ वन क्षेत्र में एक हाथी की मौत हो गई है. इसकी जानकारी मिलने पर वन अमला मौत की वजह पता लगाने में जुटा है. तीन डाक्टरों की टीम ने डीएफओ के समक्ष हाथी का पोस्टमार्टम किया गया. हाथी के शरीर पर किसी प्रकार का कोई चोट का निशान नजर नहीं आ रहा है, लेकिन उसके सूंड़ से खून निकला है, इससे करंट लगने से मौत की आशंका है. हालांकि मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही सामने आएगी.

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हाथियों से बचने के लिए तरंगित तार से फेंसिंग करते है लोग

बता दें कि 13 दिसम्बर को भी बलरामपुर जिले के नरसिंहपुर में करंट की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हुई थी. यहां किसानों ने फसलों की सुरक्षा के लिए खेत के चारों तरफ तरंगित तार बिछा रखा था. इलाके में किसान अपने घरों व फसलों को हाथियों से बचाने के लिए तरंगित तार से फेंसिंग कर रखे हुए हैं, ताकि वे सुरक्षित रहे लेकिन हाथियों की जान जा रही है और ग्रामीण अपनी सुरक्षा का उपाय नहीं कर रहे हैं, तो उनकी जान हाथी ले रहे हैं. यह हाल पूरे सरगुजा संभाग का है जो धीरे-धीरे भयावह रूप धारण करते जा रहा है. सरगुजा संभाग में इन दिनों 1004 से अधिक हाथी घूम रहे हैं.

वहीं हाथी विशेषज्ञ अमलेदु मिश्रा का कहना है कि हाल यही रहा, जंगल घटते रहे तो हाथी और मानव के बीच संघर्ष तेज होगा और जो कमजोर होगा वो मारा जायेगा. इस पर ईमानदारी से काम करने और हाथियों के लिए जंगल सुरक्षित करने की जरुरत है.

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