Chhattisgarh BJP सरकार में क्या बंद हो जायेगी कांग्रेस की गोबर खरीदी योजना?
Chhattisgarh BJP: छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार कांग्रेस की रही है और कांग्रेस में 2018 से 2023 तक एक योजना जो पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर रही थी उसका नाम था गोबर खरीदी योजना. कांग्रेस सरकार ने भी इस योजना पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया और ग्रामीण आर्थिक स्थितियों को सुधारने के लिए नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी के नाम से एक अम्ब्रेला योजना तैयार की. योजना के तर्ज पर कांग्रेस ने 5 साल चुनाव की तैयारी की और चुनावी मैदान पर उतरे. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना में कांग्रेस ने क्या मुकाम हासिल किया और लोगों को उसका क्या लाभ हुआ. साथ ही यह भी जानेंगे कि अब भाजपा की सरकार में इस योजना का क्या भविष्य है.
सबसे पहले जानते हैं क्या है नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही नारा दिया- छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी एला बचाना हे संगवारी (छत्तीसगढ़ की पहचान के लिए चार चिन्ह हैं, नरवा (नाला), गरवा (पशु एवं गोठान), घुरवा (उर्वरक) एवं बाड़ी (बगीचा), इनका संरक्षण आवश्यक है। पूर्व राज्य सरकार का मानना था कि इस योजना के माध्यम से भू-जल रिचार्ज, सिंचाई और आर्गेनिक खेती में मदद, किसान को दोहरी फसल लेने में आसानी, पशुओं की उचित देखभाल सुनिश्चित हो सकेगी. परंपरागत किचन गार्डन एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी तथा पोषण स्तर में सुधार आएगा. इसके चलते कांग्रेस सरकार ने यह योजना चालू की थी.
इस योजना से छत्तीसगढ़ के आम नागरिकों को क्या लाभ मिला ?
कांग्रेस सरकार का दावा था कि इस योजना से गरीब परिवारों को बहुत लाभ हुआ है और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं महीने का 5 से 10 हजार गोबर बेचकर और वर्मी कंपोस्ट यानी खाद बनाकर कमा लेती थी. जिसके चलते गांव की महिलाएं और स्वयं सहायता समूह को रोजगार मिल रहा था और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही थी.
पर जमीनी हकीकत की बात करें तो गोठानों में गाय का चारा तक नसीब नहीं था. नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना में गरवा मतलब गाय होता है और गायों के लिए हर एक गांव में गोठानों का निर्माण कांग्रेस सरकार ने कराया था. पर गोठानों में गाय कहीं भी नजर नहीं आती थी.
भाजपा के वर्तमान उप मुख्यमंत्री अरुण साव कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं कि गोठान योजना में, गोबर खरीदी योजना में कांग्रेस ने करोड़ों का घोटाला किया है. माना जाता है कि एक गोठान के निर्माण में 5 से 6 लख रुपए तक का लागत आता था और वही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के समय में 10 हजार से ज्यादा गोठान गावों में बनाए गए थे. अरुण साव विपक्ष में रहते हुए आरोप लगाते रहे हैं कि गोबर खरीदी योजना और नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना भूपेश बघेल की जेब भरने की योजना थी.
Chhattisgarh BJP में क्या होगा नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना का ?
2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जो वर्तमान में ग्रामीण विकास और पंचायती राज के मंत्री हैं उन्होंने भी आरोप लगाते हुए कहा कि गो-धन न्याय योजना जो नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी की योजना के अंतर्गत आती थी इसमें कांग्रेस ने बहुत भ्रष्टाचार किया जिसको अब भाजपा की सरकार नाबार्ड की सहायता से सुधार कर मॉडल गोठानो के रूप में परिवर्तित करेगी. नाबार्ड (NABARD) का अर्थ नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट होता है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि मॉडल गोठान योजना से 56 लाख महिलाओं को भाजपा सरकार लखपति बना कर ही मानेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नाबार्ड की सहायता से बंद पड़े गोठानो में 25 लख रुपए खर्च कर उसमें गायों के साथ-साथ मुर्गी पालन, मछली पालन और, सुअर पालन आदि भी चालू करवाएंगे जिसके चलते गांव की महिलाओं को फिर से रोजगार प्राप्त हो सकेगा.