Chhattisgarh News: जल जीवन मिशन योजना में पीएचई विभाग 50 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर चुका है. फिर भी बिलासपुर जिले के 100 से अधिक गांव में इस मिशन के तहत घरों तक पानी पहुंचने का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. गर्मी शुरू हो गई है, और जल संकट आना तय है. इसके बावजूद जहां जो समस्या है, उसका निदान नहीं किया जा रहा है.
पानी की समस्या से परेशान गांवों के लोग
विस्तार न्यूज़ ने शुक्रवार को ऐसे ही 10 से अधिक गांव का जायजा लिया. जहां लोगों को पानी की परेशानी हो रही है. खास तौर पर बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के खैरा, सेलर, मोहरा, डंगनिया, पौंसरा, पिपरा, गतौरी समेत अनेक गांवों में पानी की समस्या शुरू हो गई है. धीरे-धीरे ग्राउंडवाटर लेवल जमीन से नीचे जाता जा रहा है. इसका मूल कारण आसपास क्षेत्र में पावर प्लांट और कुछ हुए बड़े उद्योग हैं जो जमीन से जमीन खींचकर प्लांट चलाने का काम कर रहे हैं. इसके कारण ही गांव में हैंडपंप सूखने लगे हैं और पानी की समस्या शुरू हो गई है. दूसरी तरफ नल जल योजना के तहत कहीं टंकी बनकर तैयार है तो कहीं पानी की सप्लाई घरों तक नहीं पहुंच रही है यही कारण है की समस्या बढ़ती जा रही है.
दूषित पानी के लिए जिले के 60 गांव संवेदनशील
बिलासपुर जिले के तखतपुर क्षेत्र में 60 गांव दूषित पानी को लेकर संवेदनशील है. खुद लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग ने इसकी रिपोर्ट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा है, इसके बावजूद इन 60 गांव में पानी का इंतजाम फिलहाल फेल दिख रहा है. यहां ही गर्मी और बारिश के दिनों में हैजा और डायरिया का प्रकोप भी फैलता है.
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पानी के लिए आज भी पुरानी व्यवस्था का सहारा ले रहे लोग
ग्रामीणों का कहना है, कि नल जल योजना हो या जल जीवन मिशन योजना उन्हें आज भी अपने सिर पर पानी ढोना पड़ रहा. वे तालाबों और नदियों का पानी पीने को मजबूर हैं. जहां कहीं नल-जल योजना की शुरुआत हुई है, वहां कई जगह पाइप लाइन नहीं पहुंची है, तो कई जगह कुछ दूसरी समस्या है जिसकी शिकायतें लगातार हो रही है. फिर भी अफसर इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं.
कलेक्टर ने मीटिंग लेकर जताई नाराजगी
कलेक्टर ने गर्मी की शुरुआत के दिनों में पीएचई अधिकारियों की बैठक ली थी, और उन्होंने गर्मी के दिनों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए पीएचई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे लेकिन गांव में स्थित पुरानी जैसी ही है. लोग यह भी कहने से नहीं चूक रहे की लाखों करोड़ों खर्च के बाद भी उनके घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.