Chhattisgarh: पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने भतीजे के साथ आर्गन डोनेट करने का लिया फैसला, बोले- छत्तीसगढ़ में अंगदान को बढ़ावा देने की जरूरत
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और उनके भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने अंगदान की घोषणा की है. अंबिकापुर में आज पत्रकारों को बताया कि उन्होंने आर्गन डोनेट करने वाली संस्थाओं और सरकार के माध्यम से मृत्युपरांत अपने शरीर के अंगों को दान करने का फैसला लिया है, उन्होंने बताया कि जब वे छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री के पद पर थे.
छत्तीसगढ़ में अंगदान को बढ़ावा देने की जरूरत – टीएस सिंहदेव
तब उन्होंने प्रदेश में अंग डोनेट को लेकर काफी हद तक काम किया और तब प्रदेश में आर्गन डोनेट कराने वाली संस्थाएं यहां काम करना शुरू की लेकिन धीरे-धीरे कई प्रयासों के बाद यहां पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं सक्रिय हुई और अंग डोनेट का प्रतिशत बढ़ा है उन्होंने कहा कि अंग डोनेट करने की वजह से कई लोगों की जिंदगी बच जाती है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए इस बात को महसूस किया है कि लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अंग कितने महत्वपूर्ण हैं उन्होंने यह भी बताया कि कुछ साल पहले उन्होंने नेत्रदान की घोषणा की थी लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला था, लेकिन अब उन्हें मृत्यु के बाद अंगदान करने की घोषणा पर नेशनल आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) द्वारा सर्टिफिकेट जारी किया गया है.
टीएस सिंहदेव और उनके भतीजे को जारी हुआ सर्टिफिकेट
सिंहदेव के भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी आर्गन डोनेट करने की घोषणा की और उन्हें भी इस पर सर्टिफिकेट जारी किया गया है साथ ही साथ इसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. हर साल 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता है अंगदान में छत्तीसगढ़ बहुत पीछे है. अभी यह राज्य 20 वे स्थान पर है और यहां हजारों लोगों को अलग अलग आर्गन की जरूरत है. मरीजों में किडनी और लीवर का आर्गन के अभाव में ट्रांसप्लांट नहीं हो पा रहा है. आर्गन डोनेट पर जागरूकता के लिए काम करने वाले अंबिकापुर के आर्यन सिन्हा ने बताया कि 3 वर्षों से वे रक्तदान महादान व अंगदान जीवनदान पर कार्यक्रम चला रहें हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और ज़रूरतमंद लोगों की जान बचाना है। वे अब तक 2000 से अधिक रक्तदान जरूरतमंद तक पहुंच चुके हैं तो 5000 से अधिक लोगों द्वारा अंग और आंखों के दान की प्रतिज्ञा कराई है. जिनमें से 10 से अधिक लोगों ने मृत्यु के बाद अंग दान किए हैं। आर्यन ने बताया कि मेरा उद्देश्य है किसी मृत्यु बिना अंग व बिना रक्त के किसी की मृत्यु न हो। इस बीच उन्हें जयपुर कांक्लेव में छत्तीसगढ़ की तरफ से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है और 2022 कांक्लेव में छत्तीसगढ़ की तरफ से इन्होने दिल्ली में प्रतिनिधित्व किया था.