Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ शासन ने नवरात्र में मंदिरों में जलने वाले दिए और प्रसाद के लिए देवभोग घी लेने का दिया आदेश, देवभोग को मिले कई टन घी के ऑर्डर
Chhattisgarh News: नवरात्रि का महापर्व आने वाला है, इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रमुख मंदिरों में शुद्ध देवभोग घी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के विशेष आदेश जारी किया गया है. नवरात्रि के दौरान ज्योति प्रज्ज्वलन और प्रसाद निर्माण में राज्य के पशुपालकों से प्राप्त दूध से निर्मित शुद्ध देवभोग घी का उपयोग किया जाएगा. ऐसे में विस्तार न्यूज़ की टीम देवभोग प्लांट पहुंची जहां पर शुद्ध घी का निर्माण किया जाता है और वहां कैसे शुद्ध देव भोग घी बनाया जाता है इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी ली.
छत्तीसगढ़ शासन ने नवरात्र में मंदिरों में जलने वाले दिए और प्रसाद के लिए देवभोग घी लेने का दिया आदेश
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित है देवभोग प्लांट जहां पर दूध से कई उत्पाद बनाए जाते हैं उनमें से एक उत्पाद है शुद्ध घी जिसका उत्पादन किया जाता है. राज्य शासन के आदेश के बाद देवभोग में पिछले कुछ दिनों में ही घी के डिमांड बढ़ गए हैं प्रदेश के 16 मंदिरों से कई टन घी के आर्डर मिल चुके हैं, इसके अलावा इस पूरे महीने में 28 टन का भी आर्डर देवभोग को मिल चुका है इस आर्डर को देवभोग प्रबंधन ने पूरा भी कर लिया है. विस्तार न्यूज़ की टीम देवभोग प्लांट पहुंची और इस प्लांट में किस तरह से घी का उत्पादन किया जाता है इस पूरी प्रक्रिया को समझा, सबसे पहले विस्तार न्यूज़ के संवाददाता दिलीप शर्मा और वीडियो जर्नलिस्ट सूरज सिंह उस प्लांट में पहुंचे जहां पर घी का उत्पादन किया जाता है. किस मापदंडों से और किस शुद्धता से घी बनाया जाता है इस पूरी प्रक्रिया का जायजा लिया और प्लांट के अधिकारी तारा सिंह आहूजा ने कैसे दूध को कन्वर्ट करके घी में तब्दील किया जाता है पूरी प्रक्रिया को समझाया. देवभूमि घी के पैकेजिंग होने के बाद घी को लेबोरेटरी लैब में भेजा जाता है जहां कई टेस्ट किए जाते हैं इस टेस्ट में घी के क्या मापदंड होते हैं उस मापा जाता है जब घी की शुद्धता की सही जांच हो जाती है और उसे लैबोरेट्री लैब से सत प्रतिशत शुद्ध होने का प्रमाण मिलता है.
कुछ दिनों में ही देवभोग को मिले कई टन घी के ऑर्डर
आपको बता दें की राज्य शासन ने तिरुपति के बालाजी मंदिर में प्रसाद में मांस और मछली का तेल होने का मामला सामने आने पर प्रदेश के सभी कलेक्टर को यह निर्देश दिया है कि प्रदेश के जितने भी प्रसिद्ध मंदिर है जैसे मां बमलेश्वरी, दंतेश्वरी मंदिर, महामाया मंदिर इसके अलावा तमाम मंदिर वहां पर देवभोग से उत्पादन किया गया घी का ही उपयोग किया जाए इसके बाद देवभोग में पहली बार अब तक मंदिरों के लिए 18 टन से अधिक का घी का आर्डर मिल चुका है और इस आर्डर को पूरा भी किया जा चुका है. इसके अलावा एक महीने में देवभोग में बन रहे घी का ऑर्डर 27 टन तक पहुंच चुका है और इन्हें बाजारों में भी भेज दिया गया है. देवभोग के अधिकारी तारा सिंह आहुजा ने बताया कि अब तक 1 महीने में 28 तन से ज्यादा घी का उत्पादन हुआ है और उसे मार्केट में भेज दिया गया है इसके अलावा 16 मंदिरों में 18 टन से अधिक भी की सप्लाई हो चुकी है जो की रिकॉर्ड है.