छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में आज भी मौजूद हैं भगवान हनुमान के चरण पद, साल भर भरा रहता है पानी

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के चकचकवा पहाड़ पर हनुमान जी का चरण पद मौजूद है, जिसमें साल भर पानी भरा रहता हैं. जानिए इस चमत्कारी मंदिर के बारे में.
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कोरबा हनुमानगढ़ी मंदिर

Chhattisgarh (हरीश साहू, कोरबा): छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भगवान हनुमान का एक चमत्कारी मंदिर है. इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं भी हैं. पहाड़ों पर स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी के चरण पद मौजूद हैं, जिनमें सालभर पानी भरा रहता है.

हनुमान गढ़ी मंदिर

कोरबा जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कटघोरा-अंबिकापुर मार्ग पर पहाड़ों के ऊपर हनुमान गढ़ी का मंदिर है. मान्यता है कि पहाड़ों के ऊपर चट्टानों में हनुमान जी का चरण पद है और इस चरण पद में 12 महीने पानी भरा रहता है. इस चरण पद का पानी कभी भी नहीं सूखता है. बताया यह भी जाता है कि बुरी शक्ति के प्रकोप पर इस पद चिन्ह में जो जल है उसका छिड़काव मानव पर किया जाता है तो काफी राहत मिलती है. इसके अलावा, हनुमान गढ़ी में हनुमान जी की प्रतिमा, श्रीराम जी का भव्य मंदिर और शिव जी का भी मंदिर है.

क्या है मान्यता?

मान्यता है कि त्रेता युग में जब मां सीता का हरण हुआ तब सीता माता को ढूंढ़ने की जिम्मेदारी हनुमान जी ने उठाई थी. मां सीता की खोज करते समय जब हनुमान जी थक गए, तो उन्होंने छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला स्थित चकचकवा पहाड़ पर रुककर विश्राम किया. इस समय से इनकी पद चिन्ह यहां स्थापित हो गई है. हनुमान जी की चरण पद की खोज के बाद धीरे-धीरे यहां अनेक मंदिर बनाए गए, जो कोरबावासियों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं. खासकर यहां दूर-दूर से लोग इस प्राचीन चरण पद को देखने के लिए पहुंचते है.हनुमान गढ़ी को चकचकवा पहाड़ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह पहाड़ पुराने समय से ही अधिक चमकदार है और दूर से देखने पर चमकीली दिखाई पड़ती है.

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मंदिर के पुजारी संदीप उपाध्याय ने बताया कि हनुमान जी का चरण पद की खोज के बाद 1974 में यहां पहला मंदिर बनाया गया. इसके बाद 1984, 2009 ऐसे करते यहां शिव जी का, श्रीराम जी का और अनेक देवी देवताओं का मंदिर निर्माण किया गया. ऊंचे पहाड़ों में मंदिर और हनुमान जी का चरण पद होने के कारण यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पहाड़ो के ऊपर शुद्ध वायु और आनंद की अनुभूति होती है. खास कर हनुमान जयंती के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है और यहां भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.

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