Vistaar NEWS

Chhattisgarh: 10 साल पुराने जमीन घोटाला मामले में HC सख्त, इन लोगों पर गिरी गाज

chhattisgarh hc

बिलासपुर हाई कोर्ट

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 10 साल पुराने एक जमीन घोटाला मामले में अतिरिक्त तहसीलदार, रीडर और जमीन खरीदार के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. यह आदेश हाई कोर्ट ने राजस्व अभिलेखों के सुरक्षित नहीं रखने को लेकर जारी किया है. कोर्ट के सख्त आदेश के बाद से विभाग में हडकंप मच गया है. जानिए क्या है पूरा मामला-

जानें पूरा मामला

साल 2013-14 में पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी-बिक्री की गई थी. उस दौरान इस पर काफी विवाद हुआ था. बाद में मामला शांत हो गया और जमीन का नामांतरण भी कर दिया गया. नामांतरण आदेश में तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं. बाद में पेखन लाल शेंडे ने पक्षकार बनते हुए पूरी रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण आदेश के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के लिए 31 अगस्त 2024 को तहसील बिलासपुर में आवेदन लगाया. कई बार चक्कर काटने के बाद भी नकल की कॉपी नहीं मिली तो पेखन लाल शेंडे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. कोर्ट ने आवेदक को पूरे प्रकरण के दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए लेकिन इसके बाद भी तहसील ऑफिस से कोई जवाब नहीं दिया गया.

हाई कोर्ट में अवमानना याचिका

समय सीमा बीतने के बाद पेखन लाल शेंडे ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. कोर्ट ने मामले में बिलासपुर SDM पीयूष तिवारी, तहसीलदार अतुल वैष्णव, तहसीलदार मुकेश देवांगन को अवमानना नोटिस जारी किया. जवाब में अधिकारियों ने दस्तावेज संबंध रिकॉर्ड सौंपने के लिए समय की मांग की. हाई कोर्ट ने समय देते हुए हर हाल में 24 अक्टूबर को रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था. इसके बाद पूरी राजस्व की टीम 15 दिनों तक दस्तावेज खोजती रही. रिटायर रीडर एनके पांडे को भी बुलाया गया. इसके बाद भी उस प्रकरण के रजिस्ट्री और नामांतरण संबंधी एक भी कागज नहीं मिला.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में प्रेसिडेंट मुर्मू का दूसरा दिन: जगन्नाथ मंदिर में की पूजा, IIT भिलाई के छात्रों को दिया मेडल

ऑफिस से पूरे रिकॉर्ड गायब

अधिकारियों ने इस आशय का जवाब भी कोर्ट में पेश किया कि तहसील ऑफिस से पूरे रिकॉर्ड गायब है. इसके साथ ही जवाब पेश किया गया कि रिटायर रीडर एनके पांडे के खिलाफ लापरवाही के मामले में FIR कराने के लिए सिविल लाइन थाने में शिकायत की जा रही है. जस्टिस एनके व्यास की कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि सिर्फ रीडर ही क्यों मामले में तहसीलदार भी तो दोषी हैं. नामांतरण में कहीं न कहीं कोई गड़बड़ी है तभी तो पूरी फाइल गायब है. नामांतरण आदेश पर तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उंराव के साइन भी हैं. इसके साथ ही जमीन खरीददार सुरेन्द्र बहादुर सिंह के खिलाफ भी FIR कराने कहा गया है.

FIR दर्ज करने का आदेश

बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राजस्व अभिलेखों को सुरक्षित नहीं रखने के मामले में तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जयशंकर उरांव, रीडर एनके पांडे और जमीन खरीददार सुरेंद्र बहादुर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

ये भी पढ़ें-  बेमेतरा की इथेनॉल फैक्ट्री में ग्रामीणों का हल्लाबोल, जानिए क्यों हो रहा विरोध?

Exit mobile version