Chhattisgarh: बिलासपुर में जज ने तहसीलदार को लगाई फटकार, बोले- 4 साल में 17 बार मांगी सीमांकन रिपोर्ट, लगाऊंगा जुर्माना

Chhattisgarh News: बिलासपुर संभाग में जमीन विवाद के 26 हजार से अधिक मामले पेंडिंग है. नामांतरण डायवर्सन सीमांकन जैसे प्रमुख मुद्दे हैं. बड़ी बात यह है, कि कई प्रकरण में लोग 2 से 3 से 5 साल तक भूमि सीमांकन को लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा. कभी आचार संहिता कभी चुनाव कभी बिलासपुर से बाहर होने की बात तो कभी कुछ और कहकर अधिकारी पक्षकारों को टाल रहे हैं.
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जारी आदेश

Chhattisgarh News: बिलासपुर संभाग में जमीन विवाद के 26 हजार से अधिक मामले पेंडिंग है. नामांतरण डायवर्सन सीमांकन जैसे प्रमुख मुद्दे हैं. बड़ी बात यह है, कि कई प्रकरण में लोग 2 से 3 से 5 साल तक भूमि सीमांकन को लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा. कभी आचार संहिता कभी चुनाव कभी बिलासपुर से बाहर होने की बात तो कभी कुछ और कहकर अधिकारी पक्षकारों को टाल रहे हैं. यही कारण है कि जिले में जमीन से संबंधित मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

बिलासपुर के कुदुदंड में एक ऐसा भी मामला आया है जिसका प्रकरण कोर्ट में चल रहा है. जिला कोर्ट के जज 17 बार यहां की जमीन की सीमांकन रिपोर्ट तहसीलदारों से मांग चुके हैं लेकिन आज तक वह रिपोर्ट नहीं भेजी गई है.यही कारण है कि जज ने इस बार कड़ी बात कहते हुए तहसीलदार से यह कहा है कि यदि इस जमीन का सीमांकन रिपोर्ट नहीं भेजा गया तो वह ₹500 का जुर्माना लगाएंगे और विधि के हिसाब से कोई बड़ी भी कार्यवाही कर सकते हैं. इसमें तहसीलदार की संपत्ति को कुर्क करना भी लिखा गया है, हालांकि राजस्व के अधिकारियों का कहना है कि वह कोर्ट के मामलों में कभी भी लापरवाही नहीं बरतते हैं लेकिन इस मामले में ऐसा क्यों हुआ है वह देखने की बात कह रहे हैं. बिलासपुर में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जज ने इतनी तल्ख टिप्पणी के साथ तहसीलदार को निर्देश जारी किया है. इस मामले के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप है.

जानिए क्या है पूरा मामला?

न्यायालय प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कांची अग्रवाल के न्यायालय में कुडुदंड के पटवारी हल्का नंबर 21 स्थित 10000 स्क्वायर फीट जमीन विवाद की सुनवाई चल रही है.  जिसका खसरा नंबर 189/7 231/3 है। इसमें ही कोर्ट में सुनवाई के मामले को लेकर तहसीलदार को रिट ऑफ कमीशन जारी किया गया है. यह प्रकरण साल 2020 का है और 4 साल में इस जमीन का सीमांकन रिपोर्ट कोर्ट को पेश नहीं किया गया है. यही कारण है कि तहसीलदार को जज ने यह लिखा है कि 16 जून से पहले यदि इस मामले में सीमांकन रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं होती है, तो तहसीलदार के ऊपर कार्यवाही होगी. इस कार्यवाही में ₹500 जुर्माना या उनकी किसी संपत्ति को पूर्ण करने का भी आदेश किया जा सकता है. इसके बाद से तहसील में इस मामले की फाइल ढूंढी जा रही है. फिलहाल सीमांकन रिपोर्ट पेश किया गया है, या नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं है.

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जानिए बिलासपुर में जमीन विवाद के कितने केस है?

बिलासपुर में जमीन विवाद के 26 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग है। इनमें जमीन डायवर्सन के 500 से ज्यादा मामले, नामांतरण के 800 से ज्यादा मामले, विवादित कब्जा के 200 से ज्यादा मामले, रिकॉर्ड दुरुस्ती के डेढ़ हजार से ज्यादा मामले महीनो से लंबित चल आ रहे हैं. इन मामलों की सुनवाई कब तक खत्म होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है, क्योंकि पुराने थोड़े-थोड़े मामलों का निराकरण होता है तो नए मामले बनकर अधिकारियों के सामने फिर खड़े हो जाते हैं. कुल मिलाकर यह प्रक्रियाएं कभी नहीं थमने की प्रक्रिया से चल रही है.

कोर्ट के मामले में कहां चूक हुई है देखना पड़ेगा – तहसीलदार

तहसीलदार अतुल वैष्णव ने कहा कि बिलासपुर में समय-समय पर जमीन संबंधी मामलों का निराकरण किया जा रहा है कोर्ट के मामले में मुख्य रूप से ध्यान दिया जा रहा है. जिस मामले की आप बात बता रहे हैं वहां कहां गड़बड़ी हुई है यह देखना पड़ेगा.

सुलझ रहे हैं नामांतरण डायवर्सन के प्रकरण – SDM

SDM पीयूष तिवारी ने कहा कि बिलासपुर में जमीन संबंधी मामलों का निराकरण करवाया जा रहा है इसके लिए तहसीलदारों को निर्देश दिए गए हैं. कोर्ट संबंधी मामलों में कहां क्या लापरवाही दिख रही है उसमें सुधार कराएंगे. इसके बाद ऐसी समस्या नहीं होगी.

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