Chhattisgarh News: बिलासपुर जिले में ऐसा मंदिर है, जहां फूल नारियल या प्रसाद नहीं लोग पत्थर और गिट्टी चढ़ाते हैं. इस मंदिर में यह परंपरा पिछले 100 सालों से चली आ रही है. लोग मानते हैं कि ऐसा करने से उनकी दुख, तकलीफ और कई बाधाएं दूर होती है. बिलासपुर के बिरकोना से लगे गांव खमतराई में रोज सैकड़ो लोग मां दुर्गा के रूप में स्थापित प्रतिमा वन देवी को गिट्टी और पत्थर चढ़ाने पहुंचते हैं, चूंकि यह गांव बिलासपुर से लगा हुआ है इसलिए जब भी लोग इस मार्ग से गुजरते हैं तो बिना मां दुर्गा को गिट्टी चढ़ाए आगे नहीं बढ़ते हैं. यह गिट्टी विशेष रूप से खेतों से उठाई जाती है, जिसे छत्तीसगढ़ी में गोटा भी कहा जाता है.
इस मंदिर में भक्तों की मनोकामना होती है पूरी
यहां रहने वाले पुजारी और श्रद्धालु बताते हैं कि वह पिछले 30 से 35 सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं और गिट्टी और पत्थर चढ़ाने से उनकी मन्नत पूरी हो रही है. श्रद्धालु बताते हैं पहले यहां मंदिर नहीं था लेकिन अब मां दुर्गा के आशीर्वाद के बाद यहां एक बड़े मंदिर की स्थापना हो गई है, जो साल 2010 में बना है. हजारों श्रद्धालु इस मां दुर्गा कहीं चमत्कार मानते हैं जिसके कारण इस मंदिर का निर्माण हुआ है. इस मंदिर में फूल नारियल प्रसाद की जगह पत्थर चढ़ने के कारण ही बाकी मंदिरों से यह मंदिर अलग हो चुका है और इसकी अजब गजब कथाएं धीरे-धीरे पूरे छत्तीसगढ़ में प्रचलित होती जा रही है.
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वन देवी रखती है मोहल्ले का ध्यान
बिलासपुर से खमतराई मार्ग पर बने इस मंदिर में अशोक नगर और अटल आवास के कुछ मोहल्ले स्थापित हैं. पिछले साल जब यहां डायरिया फैला, हैजा फैला और उससे पहले मलेरिया ने भी घर कर लिया था. इस समय से इस मंदिर के प्रति और भी लोगों की आस्था बढ़ती गई. जब उन्होंने मां की मंदिर में गिट्टी चढ़ाया और वह स्वस्थ हो गए तभी से लोगों की आस्था मां के प्रति बढ़ती चली गई.