Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में ईडी ने नई एफआईआर दर्ज की है. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे को राहत मिलने के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अनिल टुटेजा की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि यह शेड्यूल्ड ऑफेंस नहीं है और इसमें मनी लेंडिंग का कोई मामला नहीं बनता है.
छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला करीब 2000 करोड़ का है. ईडी ने इस मामले में अनिल टुटेजा सहित 70 लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू भी कर रही है. ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से अनुमति के बाद शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी, नेताओं और अफसर से पूछताछ शुरू की है.
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआईआर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12, 420, 467, 468, 471 और 120 बी की लगाया गया है. इस मामले में 70 नामजद लोगों पर केस दर्ज हुआ है.
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यह है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में ईडी 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले की जांच कर रही है. जिसमें ईडी के अनुसार चार तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया था. जिसमें CSMCL द्वारा डिस्टिलरों से रिश्वत ली गई थी. बेहिसाब कच्ची देशी शराब की बिक्री की गई. डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई ताकि उन्हें कार्टेल बनाने और बाजार में हिस्सेदारी तय करने की अनुमति मिल सके. एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से कमीशन, जिन्हें विदेशी शराब खंड में भी पेश किया गया था. इन सब को मिलाकर ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है.