Chhattisgarh: भिलाई में ससुरालियों की प्रताड़ना से परेशान विवाहिता ने की आत्महत्या, हाई कोर्ट ने पति व बहन की सजा के खिलाफ याचिका की खारिज

Chhattisgarh News: हाई कोर्ट ने पति व ससुरालियों की मानसिक शारीरिक प्रताड़ना से आत्महत्या करने वाली पत्नी के मामले में पति व बहन की सजा के खिलाफ पेश याचिका को खारिज किया है. एडीजे दुर्ग कोर्ट ने मामले में अपीलार्थी को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है.
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बिलासपुर हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: हाई कोर्ट ने पति व ससुरालियों की मानसिक शारीरिक प्रताड़ना से आत्महत्या करने वाली पत्नी के मामले में पति व बहन की सजा के खिलाफ पेश याचिका को खारिज किया है. एडीजे दुर्ग कोर्ट ने मामले में अपीलार्थी को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है.

जानिए क्या है पूरा मामला

भिलाई निवासी नरेंद्र सोनी का विवाह गत 22 अप्रैल 2015 को ज्योति सोनी से हुआ था. शादी के बाद से ही नरेंद्र और उसकी बहन पिंकी समेत अन्य घरवाले ज्योति को दहेज कम लाने के नाम पर प्रताड़ित करते थे. पति नरेंद्र उसे शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित करता था. इससे हलाकान होकर 1 जनवरी 2017 को ज्योति ने घर में ही फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले में पुलिस के दखल के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 304 बी व 34 का अपराध दर्ज किया. गिरफ्तारी के बाद जब एडीजे चतुर्थ दुर्ग के यहां मामला सुना गया तो नरेंद्र को प्रताड़ना कर आत्महत्या हेतु प्रेरित करने पर उम्र कैद की सजा सुनाई गई. बहन पिंकी को भी सजा हुई. ट्रायल कोर्ट ने सह अभियुक्तों मनोज सोनी व अन्य को पेश लिखित दस्तावेजों व मौखिक ब्यान के बाद दोषमुक्त किया गया.

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पति व बहन की सजा के खिलाफ पेश याचिका को हाई कोर्ट ने किया खारिज

इस निर्णय को चुनौती देते हुए नरेंद्र सोनी , पिंकी सोनी ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील की. जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस राधा किशन अग्रवाल की डीबी में सुनवाई हुई. अपील में मुख्य बिंदु सह अभियुक्त के दोषमुक्ति के आधार पर सजा को अपास्त करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने सुनवाई में पाया बयानों में केवल अपीलकर्ताओं के नाम है, उपरोक्त गवाहों के बयानों में केवल वर्तमान अपीलकर्ताओं के नाम का उल्लेख किया गया है, और कहीं भी अन्य सह-अभियुक्त व्यक्तियों (बरी हुए ) के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए, वर्तमान अपीलकर्ताओं द्वारा दावा किए गए समानता के आधार को बढ़ाया नहीं जा सकता है. वर्तमान अपीलकर्ताओं, को इस प्रकार, उपरोक्त निर्णय वर्तमान मामले के तथ्यों पर भिन्न होने के कारण, शेष निर्णयों के लिए कोई मदद नहीं करता है. जैसा कि दिनेश सेठ, हरबीर सिंह, हरिलाल के मामलों में अपीलकर्ताओं के वकील द्वारा उद्धृत किया गया है. कोर्ट ने आरोपियों की अपील को खारिज किया है.

आरोपियों ने मृतक को मानसिक रोगी बताने का प्रयास किया

मामले में अपीलकर्ता ने मृतक ज्योति के मानसिक रोग से पीड़ित होने की बात कही. इस बिंदु पर कोर्ट ने कहा कि इसका उपचार है, किन्तु आरोपियों ने उसे प्रताड़ित कर मानसिक रोगी बताने का प्रयास किया. मृतक ने इसकी पुलिस से शिकायत भी की थी.

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