CG Board Result: मां मितानिन तो पिता चौकीदार, रात तीन बजे उठकर पढ़ाई करता था पीयूष, अब 12वीं बोर्ड परीक्षा में आया 7वां स्थान

Chhattisgarh News: पीयूष ने बताया कि उसकी मम्मी मितानिन का काम करती है, तो पापा चौकीदार हैं. वहीं पीयूष की एक छोटी बहन है. पीयूष ने बताया कि वह हर रोज स्कूल से घर आकर कम से कम चार घंटे पढ़ता था.
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अपने परिवार के साथ पीयूष

Chhattisgarh News: बलरामपुर जिले के पीयूष कनौजिया ने माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में सातवा स्थान प्राप्त किया है. पीयूष अपने घर से ढाई किलोमीटर दूर सरकारी हायर सकेंडरी स्कूल बरतीकला में पढ़ने जाता था. विस्तार न्यूज़ से बातचीत करते हुए पीयूष ने बताया कि उसकी मम्मी मितानिन का काम करती है, तो पापा चौकीदार हैं. वहीं पीयूष की एक छोटी बहन है. पीयूष ने बताया कि वह हर रोज स्कूल से घर आकर कम से कम चार घंटे पढ़ता था. इसके अलावा जब परीक्षा थी, तब वह रात में तीन बजे उठकर पढ़ने लग जाता था, और सुबह सात बजे तक लगातार पढ़ाई करता था, उसने पहले ही तय कर लिया था कि उसे टॉप टेन में स्थान बनाना है, और उसका टॉप टेन की सूची में सातवा स्थान आया है.

यूपीएससी की परीक्षा पास करना चाहता है, पीयूष

पीयूष का कहना है कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करना चाहता है. परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है, इसलिए अभी से तय नहीं किया है कि वह किस कालेज में आगे की पढ़ाई करेगा. उसने बताया कि आर्टस विषय से उसने 12वीं की परीक्षा दी और जब कक्षा 11वीं में था, तभी शिक्षकों ने उसे यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रेरित किया है.

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चार किमी पैदल चलकर जाता था स्कूल

बरतीकला स्कूल के साहिल खान ने भी 9वां स्थान प्राप्त किया है, साहिल भी आर्ट्स के स्टूडेंट हैं, साहिल के पिता मजदूरी और खेती करते हैं, साहिल के चार भाई हैं और पिता पर परिवार की जिम्मेदारी है, साहिल के घर से स्कूल चार किलोमीटर दूर है तो वह पैदल ही कई बार स्कूल जाता था, क्योंकि घर में मात्र एक साइकल है लेकिन कई बार उसके पिता साइकल से मजदूरी करने चले जाते थे. साहिल ने बताया कि वह रात में 12 बजे तक पांच घंटे तक पढ़ता था और टॉप टेन में आने का लक्ष्य रखा था. वह अब क़ानून की पढ़ाई कर वकील बनना चाहता है. उसने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर किताब कॉपी कई बार शिक्षक लोग उपलब्ध करा देते थे. जिसके कारण वह पढ़ाई पूरी कर सका है. एक ही स्कूल से टॉप टेन में दो स्टूडेंट के आने से उन्हें स्कूल में बुलाकर उनका स्वागत किया गया और स्कूल के साथ ही दोनों के परिवार में उत्सव का माहौल है.

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