Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स में नया मेडिकल इमजरेंसी वार्ड बनने वाला है. यहां ऑर्थों, मेडिसिन, सर्जरी, शिशु और एनस्थिसीया के डॉक्टरों की नई नियुक्तियां होंगी. ये सारे डॉक्टर उन गंभीर मरीजों को इलाज करेंगे जो किसी घटना या इमरजेंसी में पहुंचेंगे. नेशनल मेडिकल कमीनशन के नियमों के मुताबिक नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड हर मेडिकल कॉलेज में रखना अनिवार्य है, इसलिए ही कॉलेज प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. आने वाले दिनों में डॉक्टरों की नियुक्ति और नया सेटअप तैयार करने की बात कही जा रही है.
यहां मेडिकल इमरजेंसी वार्ड बनाने के लिए सिम्स प्रबंधन के पास दो विकल्प हैं. पहले कैजुअल्टी को ऑर्थों डिपार्टमेंट में शिफ्ट करने की या फिर ऑर्थो डिपार्टमेंट को दूसरी जगह बदलकर उसकी जगह नए मेडिकल वार्ड तैयार करने की. इसकी जानकारी शासन को भेजी गई है. नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड उन मरीजों के लिए ज्यादा बेहतर सुविधा प्रदान करने वाला होगा, जो आपात स्थिति में इलाज की आस लिए पहुंचते हैं. मौजूदा स्थित में उनके पास एकमात्र कैजुअल्टी डिपार्टमेंट मौजूद है, जहां प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों के उस डिपार्टमेंट में भेजना पड़ता है, जहां डॉक्टर उनका जांच इलाज करते हैं. लेकिन नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड बनने के बाद उन्हें मौके पर पूरा इलाज मिलेगा.
नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड बनने से होगा फायदा
सिम्स की ओपीडी में रोज एक हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं. शुरुआत में जांच के बाद डॉक्टर उन्हें भर्ती होने की सलाह देते हैं. जिसके बाद उनका इलाज होता है. लेकिन नया वार्ड तैयार होने के बाद यहां हर उस डिपार्टमेंट का डॉक्टर मौजूद रहेगा, जिनकी अनिवार्यता तय की गई है. कैजुअल्टी वार्ड के डॉक्टर फिलहाल मरीजों को जांचने के बाद उन्हें वार्डोें में रेफर करते हैं. नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड बनने के बाद ऐसा नहीं होगा.
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हर वर्ग के मरीजों को मिलेगा लाभ
नया मेडिकल इमरजेंसी वार्ड तैयार होने के बाद इसका लाभ हर वर्ग के मरीज को मिलेगा. बच्चों, महिलाओं, बुजुर्ग समेत हर उस वर्ग को जो यहां इलाज की उम्मीद लिए आते हैं. इसकी विशेषता ये रहेगी कि यहां नर्स के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ और आया स्तर के कर्मचारी भी रहेंगे. अनुभवी डॉक्टरों की नियुक्ति और बाकी स्टाफ की भर्ती के लिए शासन को जानकारी भेज दी गई है.
बर्न और ट्रामा सेंटर की प्रक्रियाएं भी बढ़ाई गईं
सिम्स में ट्रामा और बर्न यूनिट का प्रस्ताव भी बढ़ा दिया गया है. आने वाले दिनों में इसका बनना भी तय है. ट्रामा सेंटर के लिए जगह तय करने पर बातचीत जारी है. जबकि पुराना बर्न यूनिट अपग्रेड होकर नया बर्न यूनिट बनेगा. इससे भी मरीजों को लाभ होगा.