Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में वेलेंटाइन-डे पर मनाया जाएगा मातृ-पितृ दिवस, सीएम विष्णुदेव साय ने दिए निर्देश
Chhattisgarh News: पश्चिमी देशों में 14 फरवरी वेलेंटाइन-डे के रूप में मनाया जाता है. भारत में भी वेलेंटाइन – डे मानने का कल्चर है. प्रेमी एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं. कपल प्रेम का इजहार करते हैं. ग्रीटिंग कार्ड का आदान प्रदान होता है. लंबे समय से ये कल्चर देशभर में मनाया जा रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य ने वेलेंटाइन- डे की जगह मातृ-पितृ दिवस मनाने का निर्णय लिया है. सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में मातृ-पितृ दिवस के लिए आदेश जारी कर दिया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है. इसके बाद अब 14 फरवरी को ’बसंत पंचमी’ को सरस्वती पूजा और मातृ-पितृ दिवस के रूप में मानने के लिए सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने मंत्रालय से 12 फरवरी को आदेश जारी कर दिया है.
स्कूल शिक्षा विभाग ने संचालक लोक शिक्षण और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 14 फरवरी को मां सरस्वती की पूजा हो. पूजन के साथ-साथ इस दिवस पर स्कूल परिसरों में विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ-साथ सरस्वती पूजा के साथ मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किए जाए.
माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहले भी हमारी सरकार के द्वारा मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता था. संस्कार और संस्कृति के बिना हम अच्छे नागरिक नहीं बन सकते और उसके बिना अच्छे राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है. माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है.
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मंत्री ने कहा कि भगवान गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा को ही ब्रह्मांड की परिक्रमा माना था और संसार में प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त किया था. माता-पिता की सेवा करने वाले गणपति के समान बुद्धिमान बनते हैं. माता-पिता की सेवा और उनके आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है. यह हमारे संस्कार भी हैं और संस्कृति भी.
सीएम ने दिया ये निर्देश
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के प्रवास के दौरान कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कंडोरा में 11 फरवरी को आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप मनाने की घोषणा की थी. इसके साथ विष्णु देव साय ने 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं. अपने माता पिता का पूजन करें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें. माता-पिता की सेवा और आशीर्वाद से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं है.