Chhattisgarh: जमीन अधिग्रहण मामले में पूर्व कलेक्टर समेत कई अफसरों को नोटिस, हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी आगे नहीं बढ़ाई थी फाइल

Chhattisgarh News: जांजगीर चांपा में पीडब्ल्यूडी विभाग की मनमानी का मामला सामने आया है, जहां दो किसानों की जमीन पर बिना अधिग्रहण के कब्जा कर लिया गया और सड़क भी बना दी गई. किसानों ने भू अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजे की मांग की, लेकिन अफसरों ने उनकी नहीं सुनी.
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: जांजगीर चांपा में पीडब्ल्यूडी विभाग की मनमानी का मामला सामने आया है, जहां दो किसानों की जमीन पर बिना अधिग्रहण के कब्जा कर लिया गया और सड़क भी बना दी गई. किसानों ने भू अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजे की मांग की, लेकिन अफसरों ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने कलेक्टर सहित संबंधित अधिकारियों को चार महीने के भीतर प्रकरण का निराकरण करने का निर्देश दिया, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी अफसरों ने फाइल आगे नहीं बढ़ाई.

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि का वितरण नहीं

किसानों ने अवमानना याचिका दायर की, जिसमें कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी अफसरों ने मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया है. हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को अवमानना का दोषी माना है. कोर्ट ने पूर्व कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी कर 3 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है.

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जानिए क्या है पूरा मामला?

जांजगीर चाम्पा जिले के ग्राम अंडी में दो किसानों नेतराम भारद्बाज और भवानीलाल भारद्बाज की जमीन पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना अधिग्रहण के सड़क निर्माण कर दिया. किसानों ने कलेक्टर के समक्ष जमीन अधिग्रहण और मुआवजे के लिए आवेदन किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सचिव लोक निर्माण विभाग, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार सहित कई अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया.

2012 में ली गई थी याचिकाकर्ताओं की जमीन

नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में जस्टिस आरसीएस सामंत ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ताओं की जमीन 2012 में ली गई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 15 दिन के भीतर अभ्यावेदन देने और कलेक्टर एवं भू अर्जन अधिकारी को चार महीने के भीतर दावे की जांच करने और मुआवजे का निर्धारण कर भुगतान करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की कार्यवाही शुरू की जाए और एक समय सीमा के भीतर मुआवजा दिया जाए.

ये अफसर अवमानना के दोषी

हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में पूर्व कलेक्टर सक्ती नूपुर राशि पन्ना, राकेश द्बिवेदी अनुविभागीय अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) सक्ती, रूपेंद्र पटेल अनुविभागीय दंडाधिकारी मालखरौदा, रेना जमील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, एवं प्रज्ञा नंद, कार्यकारी अधिकारी (पीडब्ल्यूडी) ब्रिज जगदलपुर को पक्षकार बनाया है.

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