Chhattisgarh News: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की बढ़ी मुश्किलें, आयकर विभाग की जांच में बड़ा जमीन घोटाला आया सामने

Chhattisgarh News: विधायक प्रबोध मिंज ने विधानसभा में सवाल उठाया था कि कांग्रेस सरकार के समय अंबिकापुर और उसके आसपास ग्रामीण क्षेत्र में बांग्लादेशी शरणारर्थी लोगों की जमीन का कलेक्टर से परमिशन लेकर कई हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री की गई है, और करोड़ों रुपये में बेचा गया है.
Chhattisgarh News

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्यमंत्री अमरजीत भगत की मुश्किल बढ़ रहीं हैं, आयकर विभाग ने पिछले माह चार दिनों तक उनके ठिकानो में जांच के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक पत्र लिखा है, और जमीन खरीद बिक्री में घोटाले के मामले में कार्यवाही के लिए कहा है. तो दूसरी तरफ भाजपा के विधायक प्रबोध मिंज ने भी मामले में कार्यवाही की मांग की है, उन्होंने इस मामले को विधानसभा में उठाया था.

विधायक प्रबोध मिंज ने विधानसभा में उठाया सवाल

अंबिकापुर में अमरजीत भगत के खिलाफ आईटी की छापे वाली कार्रवाई के बाद जमीन घोटाले के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन तब इसकी पुष्टि नहीं हुई थी. लेकिन इसके बाद जब विधायक प्रबोध मिंज ने विधानसभा में सवाल उठाया कि कांग्रेस सरकार के समय अंबिकापुर और उसके आसपास ग्रामीण क्षेत्र में  बांग्लादेशी शरणारर्थी लोगों की जमीन का कलेक्टर से परमिशन लेकर कई हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री की गई है, और करोड़ों रुपये में बेचा गया है. इसके बाद विधानसभा में जांच के निर्देश दिए गए लेकिन इस बीच अब आयकर विभाग ने चीफ सेकेट्री और डीजीपी को पत्र लिखा है, और बताया गया है कि अमरजीत भगत के करीबी लोगों के नाम पर कई हेक्टेयर शरणार्थी जमीन को कलेक्टर से रजिस्ट्री के लिए परमिशन कराकर उसकी बड़े पैमाने पर खरीद-बिक्री की गई है. ऐसे में अब साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में सरकार इस पर बड़ी कार्यवाही कर सकती है तो इसमें शामिल अफसरों पर भी गाज गिर सकता है.

ये भी पढ़ें – छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान का होगा आकलन, सरकार ने जारी किया आदेश

क्या है मामला

बता दें कि बंगालदेशी शरणार्थी को सरकार ने आजीविका के लिए जमीन दिया था लेकिन उस जमीन को उन्हें बेचने का अधिकार नहीं था. ऐसे में कलेक्टरों ने बिक्री करने की स्थिति में बिक्री के लिए अपना परमिशन अनिवार्य कर दिया. इसके बाद राजनैतिक पहुंच रखने वाले भू-मफियाओ ने शरणर्थियों से कम रेट में जमीन लेकर कलेक्टर से बिक्री के लिए परमिशन कराया और फिर खरीदने के बाद उसे कई गुना अधिक रेट में प्लाटिंग कर बेचते रहे.

ज़रूर पढ़ें