Chhattisgarh: डायरिया के डर से स्कूल, राशन दुकान और उप स्वास्थ्य केंद्र हुए बंद, शिक्षक और डॉक्टर भी लापता

Chhattisgarh News: बिलासपुर में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, फिलहाल 275 मरीज इसकी चपेट में है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस गांव में यह बीमारी फैली है. वहां के स्कूल राशन दुकान और यहां तक की मेडिकल स्टोर पर बंद जैसे हालात है.
Chhattisgarh News

फाइल इमेज

Chhattisgarh News: बिलासपुर में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, फिलहाल 275 मरीज इसकी चपेट में है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस गांव में यह बीमारी फैली है. वहां के स्कूल राशन दुकान और यहां तक की मेडिकल स्टोर पर बंद जैसे हालात है. बेलतरा और बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के 10 से 15 गांव में यह स्थिति है. विस्तार न्यूज़ में ऐसी ही करमा गांव का जायजा लिया. यहां डायरिया के 25 मरीज निकल चुके हैं. गांव की बुजुर्ग से लेकर स्कूल छात्र भी प्रभावित हुए हैं. यही कारण है कि स्कूल में अघोषित रूप से छुट्टी दे दी गई है. राशन दुकान समय पर नहीं खुल रहे हैं और लोगों कोइसके कारण बड़ी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. गांव के लोग बताते हैं कि डायरिया के कारण जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.

इसके चलते आसपास के गांव में भी डायरिया का दहशत बढ़ता जा रहे हैं और यही कारण है कि स्कूल खुल तो रहे हैं, लेकिन शिक्षक बच्चों को उन पानी के स्रोत से दूर रख रहे हैं जो दूषित हैं. करमा से लगे बसहा में भी यही बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को कैंपस में लगे बोर से पानी पीने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है और स्पष्ट रूप से निर्देश जारी किए हैं कि यहां कोई भी दूषित पानी का सेवन नहीं करेगा। सबसे बड़ी बात क्या है कि डायरिया के दर से यहां एक उप स्वास्थ्य केंद्र है जो खुल नहीं रहा है. लोग बताते हैं कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र लोगों के इलाज के लिए बना है लेकिन डॉक्टर कहां है किसी को नहीं पता है. साथ ही आसपास के चिकन सेंटरों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि किसी भी तरीके से संक्रमण का प्रभाव किसी दूसरे गांव में नहीं फैले.

एक स्कूली छात्र भी डायरिया के चपेट में आया

करमा स्कूल में पढ़ने वाला राजू इसकी चपेट में आ गया वह आठवीं का छात्र था, जो पिछले 6 दिन से स्कूल नहीं आया है। स्कूल में डायरिया फैलने ही पूरे गांव में शोर उड़ने लगा कि स्कूल पर तरफ जाना यानी डायरिया को अपने साथ लाना. यही कारण है कि फिलहाल स्कूल आने-जाने पर रोक लगा दी गई है और गिनती के छात्र यहां पढ़ाई करने आ रहे हैं. यही स्कूल इतना जर्जर हो चुका है कि दो पाली में स्कूली बच्चों को पढ़ाया जा रहा है पहले चरण में पहले से पांचवी यानि प्राइमरी के बच्चे और दूसरे चरण में छठवीं से आठवीं यानी मिडिल के बच्चे पढ़ते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में बारिश ना होने से सूखे पड़े खेत, ट्यूबवेल से पानी पहुंचा रहे किसान

ब्लीचिंग पाउडर बांटकर खत्म कर दिया मामला

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जैसे ही बिल्हा और बेलतरा क्षेत्र में डायरिया फैलने लगा ब्लीचिंग पाउडर पंचायत में सप्लाई कर दी. जिसके बाद से यहां डायरिया का डर खत्म हो जाने का दावा किया जाए दूसरी तरफ ग्रामीण बताते हैं कि पानी का स्रोत इतना गंदा है कि जिसे पीने से वह डरते हैं फिर भी पानी नहीं है इसलिए पीना मजबूरी है. उन्होंने गांव के लिए पानी का अच्छा स्रोत मांगा है, और कहा है कि शासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.

उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला कैसे ठीक होंगे मैरिज

क्षेत्र में लोगों की सुविधा के लिए एक बड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है.जिसमें डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गई है नर्स और बाकी स्टाफ भी है लेकिन पिछले 15 दिन से यहां कोई आता जाता नहीं है इसी कारण लोग डरे हुए हैं कि यदि वे महामारी की चपेट में आते हैं तो उनका इलाज कैसे होगा.

बोर से पानी की सप्लाई हुई बंद – प्रधान पाठक

बसहा में डायरिया का डर बना हुआ है यही कारण है कि हमने स्कूल में उसे बर को बंद कर दिया है जहां से दूषित पानी सप्लाई होता है. बच्चों को बाहर से पानी लाकर पिला रहे हैं डायरिया का डर बेहद डरने वाला है. सीताराम जायसवाल, प्रधान पाठक बसहा

ज़रूर पढ़ें