Vistaar NEWS

Chhattisgarh: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को निचली कोर्ट ने सुनाई थी 20 साल की सजा, हाई कोर्ट ने ठहराया सही

Chhattisgarh News

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: बिलासपुर में नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी युवक की अपील हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने युवक को दोषी पाते हुए उसे ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई 20 साल की सजा को उचित ठहराया है.

नाबालिग किशोरी से युवक ने किया था दुष्कर्म

कोनी थाने के तहत सेंदरी निवासी आरोपी युवक ने गांव की ही लगभग 15 वर्ष की नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया था. वह उसे एक निर्जन स्थान पर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता रात तक घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की. रिश्तेदारों, परिचितों और पड़ोस में भी तलाश की गई लेकिन पीड़िता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. पूछताछ और तलाश के दौरान ही पता चला कि आरोपी भी पीड़िता के घर छोड़ने के दिन से गायब है. यह संदेह करते हुए कि आरोपी युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है, लड़की के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर आईपीसी की धारा 363 के तहत अपीलकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.

ये भी पढ़ें- पुलिस की डायल 112 बनी महतारी एक्सप्रेस, 1 साल में 800 से अधिक महिलाओं की करायी सुरक्षित डिलीवरी

गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर निचले कोर्ट ने सजा सुनाई

सीआरपीसी की धारा 161 के तहत गवाहों के बयान दर्ज कर जांच के बाद, अपीलकर्ता के विरुद्ध जिला न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। ट्रायल कोर्ट ने 15 गवाहों से पूछताछ की और 32 दस्तावेज रिकॉर्ड में लिए. दोनों पक्षों के वकीलों और गवाहों को सुनने के बाद कोर्ट ने साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर युवक को दोषी ठहराया और सजा सुनाई.

निचले कोर्ट द्वारा दी गई सजा के खिलाफ युवक ने हाईकोर्ट में अपील की. इसमें युवती के अपहरण और दुष्कर्म से इंकार करते कहा कि उस पर द्वेषवश आरोप लगाए गए हैं. जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डीबी ने सुनवाई के बाद पाया कि अपीलकर्ता अपने पक्ष में कोई ठोस प्रमाण और तथ्य प्रस्तुत नहीं कर पाया. इस आधार पर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा को उचित ठहराया.

Exit mobile version