Chhattisgarh: कृषि मंत्री के गांव के सरकारी हॉस्टल की अधीक्षिका छात्राओं से साफ करा रही शौचालय, खाने में मिलता है बासी भोजन

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता राम विचार नेताम के गृह ग्राम सनावल स्थित सरकारी हॉस्टल में छात्राओं से शौचालय की सफाई कराई जा रही है, उन्हें बासी भोजन खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, और विरोध करने पर हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है.
Chhattisgarh News

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता राम विचार नेताम के गृह ग्राम सनावल स्थित सरकारी हॉस्टल में छात्राओं से शौचालय की सफाई कराई जा रही है, उन्हें बासी भोजन खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है और विरोध करने पर हॉस्टल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है. परेशान छात्राएं इसकी शिकायत कर रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है.

सरकारी हॉस्टल की अधीक्षिका छात्राओं से साफ करा रही शौचालय

बलरामपुर जिले के सनावल प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास अधीक्षिका नीलिमा खलखो द्वारा छात्राओं को प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. लंबे समय से सनावल प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास में पदस्थ अधिक्षिका पर आरोप है कि अधीक्षिका नीलिमा खलखो छात्रावास में रहने वाले आदिवासी बच्चियों को बासी भोजन खिलाया जा रहा है, साल में एक बार सिर्फ सूजी का हलुआ दिया गया है लेकिन उसमें भी शक्कर से ज्यादा नमक मिलाकर बनवाया जाता है जिससे खाने में स्वादिष्ट नहीं लगता है. छात्रावास में रहने वाले बच्चियों को बिना गददा वाले बिस्तर में सोना पड़ रहा है और ओढ़ने के लिए कम्बल, नहाने के लिए साबून, कपड़े धोने के लिए पाउडर, तेल, बच्चे घर से ही लाते हैं जबकि यह सब चीजें सरकार की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है. मैन्यू के हिसाब से बच्चों को भोजन नहीं दिया जाता है। प्रतिदिन बच्चों से शौचालय साफ कराया जाता है, बच्चे जब शौचालय साफ नहीं करते हैं तो अधीक्षिका डांटती है.

ये भी पढ़ें- 32 साल पहले बलरामपुर के बीजाकुरा में आए थे प्रधानमंत्री, आज प्राथमिक पाठशाला तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं

सरगुजा आयुक्त से शिकायत करने पहुंची छात्राओं ने बताया कि अधीक्षिका के दुर्व्यवहार से सभी बच्चे भयभीत होकर दूसरे स्कूलों में एडमिशन कराने लगे हैं. वहीं जब छात्रावास में बिजली गुल होती है तब सभी बच्चियों को अधीक्षिका बाहर नहाने के लिए भेजती हैं, बच्चियां खुले में नहाने मजबूर हैं. जब छात्रावास में बच्चे बीमार पड़ते हैं तब अधीक्षिका इलाज नहीं कराती हैं.

अधीक्षिका के प्रताड़ना से परेशान छात्राओं ने की थी शिकायत

अधीक्षिका के प्रताड़ना को लेकर प्राचार्य से लिखित शिकायत छात्राओं ने की थी. इससे नाराज होकर कक्षा 9वीं व 10 वीं में पढ़ने वाली सात आदिवासी बच्चियों को छात्रावास से बाहर निकाल दिया गया है. अब गरीब पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति एवं आदिवासी परिवार के बच्चे कहां रहकर पढ़ाई पूरी करेंगे, इनके पास पढ़ाई करने को लेकर समस्या आ खड़ी हुई है. कुछ साल पहले इसी अधीक्षिका द्वारा नाराज़ होकर दुर्गावती पण्डो ग्राम तेंदुआ निवासी को छात्रावास से बाहर निकाल दिया गया था, जिसके बाद दुर्गावती पण्डो आगे कि पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थी इसी प्रकार से 7 आदिवासी परिवार की बच्चियों का भविष्य खतरे में है. दो छात्राएं पुनिता और चंद्रावती कक्षा 9 वीं के लिए दूसरे स्कूलों में अधीक्षिका से परेशान होकर एडमिशन करा ली हैं.

कार्रवाई न होने पर पण्डो जनजाति के लोगों ने धरने की दी चेतावनी

अधीक्षिका के विरुद्ध लिखित शिकायत छात्राओं ने कलेक्टर के समक्ष भी किया था, कोई सुनवाई नहीं होने पर सरगुजा संभाग के कमिश्नर के समक्ष लिखित शिकायत कर अधीक्षिका के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने तथा अधीक्षिका को हटाने की मांग की गई है. आदिवासी छात्राओं द्वारा पण्डो जनजाति समाज कल्याण समिति के पदाधिकारियों के समक्ष भी इन सभी समस्याओं को लेकर लिखित रूप से अवगत कराया गया है. विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो ने आदिवासी बच्चियों के साथ अधीक्षिका द्वारा दुर्व्यवहार करने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए जिला प्रशासन से मांग करेंगे, बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधीक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन करने बाध्य होंगे जिसका पूरा जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

ज़रूर पढ़ें