Chhattisgarh में सहकारिता में अपार संभावनाएं, KRIBHCO के MD ने किसानों को दिए खास टिप्स
Chhattisgarh: कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड यानी कृभको (KRIBHCO) के एमआर शर्मा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में संभावनाओं, मिट्टी की उर्वरक क्षमता समेत कई विषयों पर बात की. साथ ही किसानों को खास टिप्स भी दिए, जिससे किसान अपनी फसल के उत्पादन और मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ा सकते हैं.
सवाल- मिट्टी की कम होती उर्वरक क्षमता के लिए कृभको क्या कर रहा है?
जवाब- फसलों के लिए किसानों द्वारा केमिकल फर्टीलाइजर जैसे यूरिया आदि के अत्याधिक उपयोग के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है. ऐसे में किसानों को कृभको के बायो फर्टीलाइजर का यूज करना चाहिए. इसके अलावा कृभको के कंपोस्ट खाद, PDM या अदर प्रोडक्ट यूज करने से मिट्टी की हेल्थ बढ़ा सकते हैं.
सवाल- क्या होता है बायो फर्टीलाइजर और किसानों के लिए कैसे उपयोगी है?
जवाब- जैसे कोई बीमार हो जाता है तो डॉक्टर उसे एंटीबायोटिक के साथ-साथ विटामिन B कॉम्पलेक्स देता है. इसी तरह मिट्टी के लिए बायो फर्टीलाइजर भी विटामिन B कॉम्पलेक्स की तरह है, जो मिट्टी की हेल्थ को बढ़ाता है. कृभको एक अग्रणी संस्था है, जो बायो फर्टीलाइजर का उत्पादन, विपणन और इसे बनाने की बड़ी क्षमता रखता है . जैसे-जैसे किसान इसका यूज बढ़ाएंगे वैसे-वैसे अलग-अलग स्ट्रेंथ पर कृभको इसका उत्पादन बढ़ाएगा.
सवाल- केंद्रीय सहकारिता नीति पर कृभको के क्या विचार हैं?
जवाब- कृभको केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रहा है. कृभको भी एक सहकारी संस्था है. इसके करीब 10 हजार सहकारी समिति हैं. हम सरकार की सभी नीतियों का पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और बढ़ावा दे रहे हैं.
सवाल- सॉइल टेस्टिंग की व्यवस्था के लिए किसानों को कैसे जागरूक करें?
जवाब- कृभको किसानों को फ्री ऑफ कॉस्ट सॉइल टेस्टिंग प्रोवाइड कराता है. इसके लिए किसान अपनी मिट्टी के सैंपल कृभको सेवा केंद्र को भेज सकते हैं. कृभको किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड इशू करता है. साथ ही सॉइल टेस्टिंग के बाद फ्री में बताता है कि उनकी मिट्टी में किस चीज की कमी है, क्या ज्यादा है और उन्हें फसल के मुताबिक उसकी ऊर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करना है.
सवाल- इथनॉल उत्पादन को लेकर क्या योजनाएं हैं?
जवाब- गुजरात के हजीरा में कृभको का इथनॉल प्लांट शुरू होने वाला है. इसकी क्षमता 270 KL प्रति दिन की है. संभावना है कि इस प्लाटं में 31 मार्च 2025 तक प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. इसके जरिए किसानों को रोजगार मिलेगा. ये कॉर्न (मकई) बेस्ड प्रोडक्शन है. साथ ही इसमें बगास यूज होगा या इसके बाय प्रोडक्ट यूज होंगे, जो किसानों के लिए अलग-अलग तरीके से बहुत फायदेमंद साबित होंगे.
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सवाल- सहकारिता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में कितनी संभावनाएं नजर आ रही हैं?
जवाब- सहकारिता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ा अवसर है. यह इस बात से ही साबित हो जाता है कि कृभको का कोई प्रबंध निदेशक पहली बार यहां आया है. जल्द ही राज्य में कृभको के नए भवन का निर्माण होगा.
सवाल- ओमान के साथ कृभको का समझौता उपयोगी रहा. क्या और भी ऐसे द्विपक्षीय समझौते आगे होने वाले हैं?
जवाब- ओमान के साथ इफ्को और कृभको का संयुक्त उपक्रम (Joint venture) बहुत सक्सेफुल रहा है. इसके जरिए भारत को बहुत सस्ते रेट में यूरिया उपलब्ध हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक इससे करीब 30 हजार करोड़ का फायदा भारत सरकार को मिला है. DAP और NP के प्लांट बाहर डालने की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है, क्योंकि DAP के लिए रॉ मटेरियल भारत में नहीं होता है. ऐसे में बाहर प्लांट डालने की संभावनाओं पर कोशिश जारी है.