Chhattisgarh: लोकसभा चुनाव के पहले बसपा को बड़ा झटका, प्रदेश प्रभारी BJP में होंगे शामिल, दो बार रह चुके हैं विधायक

Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले जो चुनाव हुए थे इसमें BSP के तीन विधायक बने थे.
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बसपा पूर्व विधायक केशव चंद्रा

Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बसपा की करारी हार के बाद अब लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी बिखरने लगी है. पार्टी से दो बार विधायक रहे केशव चंद्रा ने बीजेपी ज्वाइन करने का ऐलान कर दिया है, जल्द ही केशव चंद्रा बीजेपी में प्रवेश करेंगे. इसके लिए तैयारी शुरु हो गई है. लेकिन इससे बीजेपी का लोकसभा चुनाव में क्या फायदा होगा और बसपा क्या छत्तसीगढ़ में समाप्त हो जाएगी चलिए आज इसी को समझते है.

दरअसल, मंगलवार को केशव चंद्रा के बीजेपी प्रवेश का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के अचानक दिल्ली दौरे के चलते आज का कार्यक्रम टाल दिया गया है. इसकी जानकारी खुद केशव चंद्रा ने दी है. लेकिन केशव चंद्रा के इस फैसले से बहुजन समाज पार्टी के अस्तिव पर सवाल उठने लगा है क्योंकि केशव चंद्रा राज्य में बसपा के बड़े चेहरे है, पार्टी  के प्रदेश प्रभारी भी रह चुके है. उनके बीजेपी प्रवेश के लिए जैजैपुर के दशहरा मैदान में बीजेपी का प्रवेश कार्यक्रम होने वाला है.

कौन है केशव चंद्रा ?

बसपा से दो बार के विधायक रह चुके हैं, केशव चंद्रा BSP में लंबे समय से सक्रिय रहें थे. पूर्व विधायक केशव चंद्रा बसपा पार्टी के जांजगीर जिला के जिला अध्यक्ष रह चुके है. इसके अलावा प्रदेश महासचिव के साथ प्रदेश प्रभारी भी रहे है. 2013 में वे पहली बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए उसके बाद 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए.

लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. अब इसके सियासी मायने ये है कि बीजेपी जांजगीर चांपा लोकसभी सीट से विधानसभा चुनाव के बाद कमजोर पड़ी है. पार्टी को विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी 8 विधानसभ सीटों पर हार मिली है. इसलिए केशव चंद्रा का बीजेपी में जाना अहम हो सकता है क्योंकि जांजगीर लोकसभा सीट में बसपा का एससी वोट बैंक में बड़ा दबदबा रहा है.

छत्तीसगढ़ में कैसा रहा BSP का सफर?

छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले जो चुनाव हुए थे इसमें BSP के तीन विधायक बने थे. इनमें पामगढ़ से दाऊराम रत्नाकर, सारंगढ़ से डॉक्टर छबिलाल रात्रे, सीपत से रामेश्वर खरे थे. लेकिन 2003 में राज्य गठन के बाद हुए पहले चुनाव में बीएसपी ने 54 प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से दो लोग विधायक चुनकर आए बाकी 46 लोगों की जमानत जप्त हो गई थी. जो दो विधायक जीते, उनमें सारंगढ़ से कामदा जोल्हे और मालखरौदा से लालसाय खूंटे थे.

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2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने फिर से दो सीटों पर जीत दर्ज की. अकलतरा विधानसभा से सौरभ सिंह और पामगढ़ विधानसभा से दूजराम बौद्ध चुने गए थे. 2013 की विधानसभा में बसपा में 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन मात्र एक ही सीट पर जीत मिल पाई थी. जैजैपुर से केशव चंद्रा विधायक बने थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस से बीएसपी का गठबंधन  हुआ.

2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के बीच गठबंधन हुआ, लेकिन बसपा को फिर से दो सीटों में जीत मिली. जैजैपुर से केशव चंद्रा अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. वहीं पामगढ़ सीट बसपा की झोली में आ गई, इंदु बंजारे विधायक बनी हैं.

बसपा को केवल 2.09 फीसदी वोट मिले

2023 के विधानसभा चुनाव में बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच गठबंधन हुआ, लेकिन इस बार बसपा कोई भी विधानसभा सीट जीत नहीं पाई . बसपा को 2023 के विधानसभा चुनाव में केवल 2.09 फीसदी वोट मिले. इससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है. इसके बाद से लगातार पार्टी से नेता किनारा कर रहे हैं.

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