Maha Kumbh 2025: आधी रात 1 हजार से ज्यादा संन्यासी बने नागा साधु, संगम तट पर किया पिंडदान, गंगा में 108 बार लगाई डुबकी

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में रविवार देर रात को एक साथ 1 हजार से ज्यादा संन्यासी नागा साधु बनाए गए. ये सभी संन्यासी जूना अखाड़े के हैं. रविवार को नागा साधु बनने वाले संन्यासियों ने संगम घाट पर अपना और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान किया.
Maha Kumbh 2025

महाकुंभ में बने नागा साधु

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में रविवार देर रात को एक साथ 1 हजार से ज्यादा संन्यासी नागा साधु बनाए गए. ये सभी संन्यासी जूना अखाड़े के हैं. रविवार को नागा साधु बनने वाले संन्यासियों ने संगम घाट पर अपना और अपनी सात पीढ़ियों का पिंडदान किया.

आधी रात 1 हजार से ज्यादा सन्यासी बने नागा साधु

इसके बाद संगम में स्नान कर अखाड़े में गुरु से दीक्षा ली और फिर सभी संन्यासी नागा साधु बन गए. रात को जब 12:00 से यह प्रक्रिया शुरू हुई और देर रात 3:00 बजे तक की यह प्रक्रिया चली. सभी संन्यासी अपना और अपने परिवार का पिंडदान करने के बाद जूना अखाड़े में इकट्ठा हुए. संगम पर संन्यासियों ने 17 पिंडदान किए, जिनमें से 16 उनकी सात पीढ़ियों के थे और एक उनका स्वयं का था. जूना अखाड़े में सबसे पहले सभी संन्यासियों को पूरी प्रक्रिया समझाई गई कि कैसे त्याग और तपस्या के बीच उनको रात बिताना है. कैसे उनको नागा साधु बनने के बाद सनातन धर्म को मजबूत करना है. इसी दौरान उन्हें गुरु दीक्षा दी गई जो की गोपनीय रहता है.

गंगा में 108 बार लगाई डुबकी

रात को 12:00 बज रहे थे, इस बीच नागा साधु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने गए. यह नागा साधु बनने की प्रक्रिया में ही शामिल है. जो संन्यासी है उनको 108 बार गंगा में डुबकी लगाना अनिवार्य है. कड़ी सुरक्षा के बीच सभी संन्यासी एक साथ अखाड़े से निकलकर संगम घाट पर पहुंचे और वहां पर उन्होंने डुबकी लगाई.

रात के 1:30 बजे संगम नगरी प्रयागराज की सड़क पर एक साथ हजारों संन्यासी दिखाई दिए. यह सभी संन्यासी संगम में डुबकी लगाने के बाद फिर से जूना अखाड़े वापस लौट रहे थे. इन सभी संन्यासियों ने कड़ी तपस्या और त्याग के बीच संन्यासियों ने नागा साधु बनने की प्रक्रिया पूरी की.

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नागा साधु बनकर खुश नजर आए संन्यासी

नागा बाबा बनकर संन्यासी खुश नजर आए. हर हर महादेव का जय घोष करते हुए प्रयागराज की ऐतिहासिक क्षण का गवाह बन रही थी क्योंकि एक साथ हजारों सन्यासी नागा साधु बन गए थे.

नागा साधुओं ने बताया कि अपना भी पिंडदान किया और अपने परिवार का भी पिंडनदान कर दिया. 24 घंटे तक तपस्या करनी रहती है. सात पीढ़ी पहले का और 7 पीढ़ी बाद का हवन करवा दिया जाता है. यह आखिरी सीढ़ी होती है नागा साधु बनने का, जिसे हम सब ने पार कर लिया है और आज हम लोग नागा साधु बन गए हैं. जब एक साथ हजारों नागा साधु संगम नगरी की सड़क पर चल रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि मानो सभी देवी देवता इनमें ही वास कर रहे हो. इन नागा साधुओं में कई ऐसे लोग भी शामिल थे जो अपाहिज है जिनके पैर हाथ नहीं है वह भी नागा बाबा बनते हुए दिखाई दिए.

कोई 5 साल पहले तो कोई 3 साल पहले संन्यास लिया था. नागा साधुओं ने कहा अब आगे सत्य सनातन की स्थापना करेंगे. आचार्य जी ने सन्यास दीक्षा दी है. तस्वीर में दिख रहे हैं नागा साधु जी लंगोटा में दिख रही है लंगोटा भी उतर जाता बाद में नागा साधु बोले- नागा साधु बनकर अच्छा लग रहा है. बहुत पहले घर का मोह माया त्याग दिए थे.

जानिए कैसे होती है नागा साधु बनने की प्रक्रिया

नागा साधु बनने की प्रक्रिया क्या होती है और इसकी शुरुआत कब हुई इसे लेकर जूना अखाड़े की एक संत ने विस्तार से जानकारी दी. संत ने बताया कि आदिकाल से यह परंपरागत चल रहा है. आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी नागा फौज बनाने की सनातन धर्म की जागरूक करने के लिए नागा फोर्स तैयार करने की शुरुआत हुई. नए बने नागा साधु महाकुंभ के बाद सब जंगल झाड़ और पहाड़ में चल जाएंगे.

18-60 साल तक के लोग बन सकते है नागा साधु

संत ने बताया कि 18 साल की उम्र से लेकर के 60 साल की उम्र तक के लोग नागा साधु बन सकते हैं. इसमें कम उम्र के ही लोग चाहते हैं. इसमें दीक्षा दी जाती है. दीक्षा मतलब गुरु मंत्र होता है. गृहस्थी में जैसे मां-बाप ज्ञान देते हैं बच्चों को. इस तरीके से सन्यासियों को गुरु मंत्र दिया जाता है. 17 पिंडदान होता है. 16 पिंडदान परिवार के लिए नाना नानी मामा मामी चाचा चाची के लिए और बचा एक खुद का पिंडदान होता है.

नये नवेले नागा साधुवों के दर्शन के लिए आधी रात को बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे. श्रद्धालुओं ने कहा- पहली बार इस तरीके के नागा साधु को देखें. 144 वर्षों बाद महाकुंभ में इतने साधुओं का एक साथ नागा साधु बनना ऐतिहासिक है. मैं भी दर्शन करने आया था, बहुत बढ़िया लगा हमें देखने के लिए दर्शन किए. झारखंड बंगाल से लोग जूना अखाड़े के बाहर खड़े नजर आए सिर्फ और सिर्फ नागा बाबा को देखने के लिए..

13 अखाड़ों में सबसे बड़ा है जूना अखाड़ा

बता दें कि 13 अखाड़ों में सबसे बड़ा जूना अखाड़ा है, जिसके लगभग 5 लाख नागा साधु और महामंडलेश्वर संन्यासी हैं. इस बार महाकुंभ में 13 में से सात अखाड़ाें में 20 से 25 हजार नागा साधु बनाए जाने हैं. नागा साधुओं को सनातन धर्म का रक्षक कहा जाता है.

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