Chhattisgarh News: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. राजनीतिक दलों के नेता चुनावी मैदान में उतर कर चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं. राजनीतिक दल के नेता ऐसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं जिससे उनकी पार्टी को फायदा हो सकता है. वहीं छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है. ऐसे में छत्तीसगढ़ का एक ऐसा मुद्दा है जो विधानसभा चुनाव 2023 में काफी सुर्खियों में रहा. अब क्या वही मुद्दा लोकसभा चुनाव में भी सुर्खियों में रह सकता है. आज हम उसी पर बात करेंगे.
छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीटें
सबसे पहले हम छत्तीसगढ़ की लोकसभा सीटों के बारे में जान लेते है. छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें है. वर्तमान में 9 सीटों पर भाजपा के सांसद है वहीं दो सीटों पर कांग्रेस के सांसद है. अब जान लेते है कि छत्तीसगढ़ में कौन-कौन से लोकसभा सीटें हैं. पहला सरगुजा (अ.ज.जा.) के लिए आरक्षित है, दूसरा रायगढ (अ.ज.जा.) के लिए आरक्षित है, तीसरा जांजगीर चांपा (अ.जा.) के लिए आरक्षित है, चौथा कोरबा (सामान्य) के लिए आरक्षित है, पांचवा बिलासपुर (सामान्य) के लिए आरक्षित है, छठवां राजनांदगांव (सामान्य) के लिए आरक्षित है, सातवां दुर्ग (सामान्य) के लिए आरक्षित है, आठवां रायपुर
(सामान्य) के लिए आरक्षित है, नववां महासमुंद (सामान्य) के लिए आरक्षित है, दसवां बस्तर (अ.ज.जा.) के लिए आरक्षित है, और ग्यारहवां कांकेर (अ.ज.जा.) के लिए आरक्षित है.
इन लोगों ने तो महादेव के नाम को भी नहीं छोड़ा- पीएम मोदी
अब हम बात करते हैं उस मुद्दे की जो छत्तीसगढ़ में हुए 2023 विधानसभा चुनाव में काफी चर्चा में रहा था, वह मुद्दा है ऑनलाइन महादेव सट्टा गेमिंग एप्प. जब छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव हो रहे थे उस समय विपक्ष में बैठी भाजपा महादेव ऑनलाइन सट्टा एप को लेकर तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस को लगातार घेर रही थी. यह मुद्दा इतना बड़ा बन गया था कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्ग में चुनावी रैली के दौरान ऑनलाइन महादेव सट्टा एप्प का जिक्र किया था, पीएम ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा था इन्होंने तो महादेव के नाम को भी नहीं छोड़ा. विधानसभा चुनाव के एन वक्त पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर इसी महादेव एप्प मामले में 508 करोड़ रूपया लेने का आरोप भी लगा था. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले पर लगातार यह कहते रहे कि उन पर लगा यह आरोप सरासर गलत है, उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है.
दुर्ग पुलिस और ED कर रही मामले की जांच
दरअसल ऑनलाइन महादेव सट्टा एप्प की शुरुआत छत्तीसगढ़ के भिलाई से शुरू हुई थी. महादेव सट्टा एप्प के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में बैठकर इस ऑनलाइन सट्टा का संचालन कर रहे थे. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए करोड़ों रुपए के लेनदेन के मामले को उजागर किया था. इधर पुलिस इस मामले पर कार्यवाही कर ही रही थी कि ED ने भी दुर्ग पुलिस से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे और ED इस मामले में जांच करने लगी. इस मामले की जांच करते हुए ईडी ने पुलिस सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है जो अभी जेल में है.
क्या महादेव छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों का भविष्य तय करेंगे ?
अब बात करते हैं कि क्या यह ऑनलाइन महादेव सट्टा एप्प का मुद्दा एक बार फिर लोकसभा चुनाव में उठ सकता है. इस मुद्दे पर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ऑनलाइन महादेव सट्टा एप्प का मुद्दा लोकसभा चुनाव पर भी उठ सकता है क्योंकि जब से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है तब से पुलिस ने इस मामले को लेकर कार्यवाही तेज कर दी है. विधानसभा में भी महादेव सट्टा ऐप को लेकर सवाल जवाब किये गए थे. वहीं गृहमंत्री विजय शर्मा ने विधानसभा में कहा है कि इस महादेव सट्टा ऐप से जुड़े सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों की माने तो इस महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है. यह वही ऑनलाइन महादेव सट्टा एप्प है जिसने छत्तीसगढ़ की राजनीति को दिल्ली तक गरमा दिया था. जिसमें सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भाजपा के नेताओं ने इस एप्प से जुड़े लोगों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था. अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि देश में होने वाले लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ऑनलाइन महादेव सट्टा का मुद्दा गरमा सकता है.