Ambikapur: महापौर बनने BJP के कई नेता तैयार, पूर्व सांसद और समेत सीनियर पार्षद लड़ना चाहते हैं चुनाव
Ambikapur: नगरीय निकाय चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, अंबिकापुर नगर निगम में भी चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है, यहां भी नेता महापौर का चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोकने लगे हैं, अंबिकापुर नगर निगम में सत्ता से बेदखल भाजपा के नेता चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में दिखाई दे रहे हैं और इन नेताओं ने जमीनी स्तर पर काम करना भी शुरू कर दिया है तो इन नेताओं ने राजनीतिक समीकरण बनाना भी शुरू कर दिया है. ये भाजपा के नेता कह रहे हैं कि उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए हैं तो सीनियर पार्षद भी हैं. ऐसे में उन्हें महापौर का टिकट पार्टी की ओर से मिलना चाहिए.
अंबिकापुर में महापौर बनने BJP के कई नेता तैयार
छत्तीसगढ़ सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करने की जैसे ही घोषणा की थी, महापौर का चुनाव लड़ने के लिए अंबिकापुर में कई दावेदार दिखाई देने लगे थे लेकिन अब सरकार ने भी प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव पर मंजूरी दे दी है तो इसके बाद अब कई नेता सामने आकर इस बात को कहने लगे हैं कि हां वे भी चुनाव लड़ना चाहते हैं उन्हें भी पार्टी की ओर से टिकट चाहिए. पार्षद प्रेमानंद तिग्गा, मंजूषा भगत महापौर का चुनाव लड़ना चाहते हैं वही अंबिकापुर में महापौर का चुनाव लड़ने के लिए इन नेताओं के अलावा और भी कई नाम सामने आ रहे हैं। इनमें पूर्व सांसद कमलभान सिंह के अलावा RSS से जुड़े इंदर भगत का भी नाम चर्चा में चल रहा है। इतना ही नहीं सरगुजा जिले के पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष उपेंद्र पैकरा भी कहने लगे हैं कि वह सचिव की नौकरी छोड़कर राजनीति में आना चाहते हैं और यही वजह है कि उपेंद्र को कई बार विधायकों और मंत्रियों के मंचों में देखा जा चुका है इतना ही नहीं उपेंद्र तो खुद को भाजपा के सीनियर नेताओं के करीबी और रिश्तेदार भी बताते रहें हैं.
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फिलहाल नगर निगम में कांग्रेस का कब्जा
फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम में कांग्रेस का कब्जा है. निगम में डा अजय तिर्की महापौर हैं, जो पेशे से हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं. डा अजय तिर्की से पहले भाजपा से प्रबोध मिंज महापौर थे. प्रबोध मिंज अब लुंड्रा विधानसभा से विधायक हैं. वहीं अंबिकापुर नगर निगम में 48 वार्ड हैं और करीब 1.20 लाख से अधिक मतदाता हैं। यहां मुस्लिम वोटर और ईसाई मतदाता जीत हार का अंतर तय करते हैं. अंबिकापुर शहर के 5 वार्ड मुस्लिम बाहुल्य हैं.
दूसरी तरफ अब सवाल इस बात का है कि आखिर सत्ता में काबिज होने के लिए भारतीय जनता पार्टी अंबिकापुर में किस आधार पर उम्मीदवार तय करती है लेकिन राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से जो भी उम्मीदवार तय किए जाएंगे उसमें RSS का भी दखल होगा. वहीं दूसरी तरह भारतीय जनता पार्टी से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस डॉक्टर अजय तिर्की पर ही दांव लगाएंगी.