Raipur में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी! चाइना-थाइलैंड भेजी गई 400 करोड़ से भी ज्यादा रकम

Raipur: रायपुर में पुलिस ने दो शातिर ठगों को पकड़ा है. दोनों आरोपी साइबर क्राइम से प्राप्त रकम को थाईलैंड और चाइना भेजने में शामिल थे. जानकारी के मुताबिक आरोपियों के बैंक खातों से 429 करोड़ रुपए की ठगी की जानकारी सामने आई है.
raipur

आरोपी संदीप रात्रा और राजवीर सिंह

Raipur: रायपुर में पुलिस ने दो शातिर ठगों को पकड़ा है. दोनों आरोपी साइबर क्राइम से प्राप्त रकम को थाईलैंड और चाइना भेजने में शामिल थे. जानकारी के मुताबिक आरोपियों के बैंक खातों से 429 करोड़ रुपए की ठगी की जानकारी सामने आई है. आरोपियों से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज के अलावा और भी अन्य फर्जी कंपनी के दस्तावेज, फॉरेक्स ट्रेडिंग बैंक खाता, मोबाइल जब्त हुए हैं.

पुलिस ने 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस साइबर ठगी के मामले में दिल्ली निवासी आरोपी संदीप रात्रा और राजवीर सिंह गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है. बता दें इसके पहले पवन 2 आरोपियों कुमार और गगनदीप विकासपूरी की गिरफ्तारी हुई थी.

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर हुई साइबर ठगी

बता दें कि डॉक्टर प्रकाश गुप्ता ने उनके साथ शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा के नाम से 11 लाख ठगी होने पर थाना आमानाका में सूचना दिया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 433/24 धारा 420,34 पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी.

जानकारी के मुताबिक जब पुलिस ने जांच की तब पता चला कि पहले गिरफ्तार आरोपी पवन और गगनदीप दोनों दिल्ली के निवासी हैं. दोनों आरोपी रायपुर छत्तीसगढ़ आकर अपने आधार कार्ड में रायपुर का पता बदलवाए तथा उसी पता के आधार पर दो फर्जी कंपनी फ्रिज टैक सोल एवं जीपी इंटरप्राइजेस बनाकर अलग अलग बैंकों में 30 प्लेटिनियम अकाउंट खोले.

ये भी पढ़ें- CG News: कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े के भड़काऊ बयान पर सियासत, दीपक बैज बोले- यह बीजेपी का षड्यंत्र

चाइना, थाइलैंड, हॉन्गकांग भेजते थे पैसे

उक्त बैंक अकाउंट का प्रयोग ठगी से प्राप्त रकम से US डॉलर खरीद कर हॉन्गकांग की 4 कंपनी हाइपरलिंक इंफोसिस्टम लिमिटेड, ब्लू ऑर्किड ग्लोबल, कंसाई इंटरनेशनल लिमिटेड, एम एस मॉर्निंग तथा थाईलैंड की 4 कंपनी NRI सिस्टम टेक्नो, परसौल प्रोसेस एंड टेक्नोलॉजी, ग्लोबल विजार्ड टेक्नोलॉजी, डाटा आर्ट टेक्नोलॉजी को US डॉलर भेजते थे. उक्त हॉन्गकांग और थाईलैंड की कंपनियां के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं, ये कंपनियां वहीं संचालित हैं जहां डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड एवं अन्य साइबर अपराधों से संबंधित IP की जानकारी मिली है.

ज़रूर पढ़ें