केजरीवाल की ‘जनता की अदालत’ के जवाब में BJP का ‘जनता दरबार’, वीरेंद्र सचदेवा बोले– सुनेंगे जनता की शिकायतें
Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस सभी ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं. हाल ही में जेल से निकलने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के जनता पर जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ नाम का कार्यक्रम किया. वहीं दूसरी और बीजेपी ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए अपने ऑफिस में साप्ताहिक जनता दरबार की शुरुआत की है.
पार्टी के इस प्लान को लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि हर शनिवार को पूर्वी दिल्ली के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और दिल्ली के एक अन्य सांसद प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों के साथ मिलकर जनता की शिकायतें सुनेंगे, और संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों से बात करके उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे.
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बीजेपी ने की है बड़ी चुनावी प्लानिंग
शनिवार को साप्ताहिक जनता दरबार के पहले सेशन में केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा के साथ मिलकर जनता दरबार लगाया थाा. उन्होंने कहा कि इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों से कई लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. बता दें कि बीजेपी इस कार्यक्रम को बड़ा बनाने की प्लानिंग कर रही है, जिससे 25 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर बीजेपी इस बार अपनी वापसी कर सके.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि यह जन सुनवाई बीजेपी का कार्यशैली का हिस्सा है. जनता की सेवा करना और उनक मुद्दों को हल करना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. हमारे सांसद संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे और उचित और प्रभावी कदम उठाएंगे.
मैं बहुत दुखी हूं इसलिए इस्तीफा दिया- केजरीवाल
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को जंतर मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों का भी आगाज कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुए कहा, “इन नेताओं (बीजेपी) को केस और मुकदमों का फर्क नहीं पड़ता, इनकी चमड़ी मोटी है.
हालांकि, मैं ऐसा नहीं हूं. मैं नेता नहीं हूं, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है. मुझे झूठे केस लगने से फर्क पड़ता है. मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहा जाता है तो फर्क पड़ता है. मैं बहुत दुखी हूं इसलिए इस्तीफा दिया. मैंने अपने जीवन में केवल इज्जत और ईमानदारी कमाई है. मेरे बैंक में कोई पैसा नहीं है.”