Delhi-NCR Pollution: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण के लागू होने के तीन दिन बाद प्रदेश भर में AQI में मामूली सुधार दर्ज किया गया है. इस मामूली सुधार के बाद भी AQI 450 के पार है. जोकि अभी भी गंभीर श्रेणी में है.
Delhi-NCR Pollution: मामूली सुधार के बाद भी दिल्ली-NCR में हवा जहरीली बनी हुई है. लगातार 5वें दिन AQI 400 के पार है. लोग अभी भी जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं.
Delhi Air Crisis: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रही है. अब इसी बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र को चिठ्ठी लिखी है.
Uttar Pradesh: वॉइस नोट में सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और प्रयागराज रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी गई है. यह धमकी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष और जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में वाद दायर करने वाले आशुतोष पांडे के वॉट्सऐप पर दी गई है.
Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर का AQI सोमवार शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक AQI 700 से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. वहीं दिल्ली के कई इलाकों में AQI 1000 के ऊपर दिखा. प्रदुषण के इस स्तर को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन कर दिया है.
Delhi-NCR Pollution: IQAir पॉल्यूशन मॉनिटर्स के मुताबिक सोमवार की सुबह दिल्ली में PM 2.5 का लेवल 907 था. जोकि WHO की तय डेली लिमिट से 60 गुना ज्यादा है. यह जानलेवा है.
Political News: सुमेश शौकीन ने कांग्रेस से नाता तोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए है. कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के बड़े नेता सुमेश शौकीन ने दिल्ली में AAP पार्टी जॉइन की.
Kailash Gehlot: सोमवार को कैलाश गहलोत बीजेपी मुख्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल हुए. इसके पहले, रविवार को कैलाश ने दिल्ली सरकार में अपने मंत्री पद और AAP की सदस्यता दोनों से ही इस्तीफा दे दिया था.
Delhi-NCR Pollution: दिल्ली के कई इलाकों में विजिबिलिटी 150 मीटर हो गई है. सोमवार की सुबह इंडिगो और स्पाइसजेट के विमान 1 घंटे की देरी से उड़े. मौसम विभाग ने आज के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने GRAP-IV नियम लागू काट दिया है.
कुल मिलाकर, आम आदमी पार्टी के लिए यह एक और कड़ी चुनौती साबित हो सकती है. अरविंद केजरीवाल को अब अपने नेतृत्व की मजबूती को साबित करने का बड़ा मौका मिलेगा, खासकर जब उनके कई पुराने साथी पार्टी छोड़ चुके हैं और आरोपों की झड़ी लगा चुके हैं.