आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा को दोबारा हुआ ब्रेस्ट कैंसर, जानिए इलाज के बाद क्यों लौट आता है Cancer

आयुष्मान खुराना और पत्नी ताहिरा
Cancer: बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की पत्नी ताहिरा कश्यप (Tahira Kashyap) दोबारा ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ गई हैं, जिसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने सोशल मीडिया पोस्ट से दी. यह 7 साल में दूसरी बार है, जब उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ है. ताहिरा की पोस्ट के बाद लोगों के मन में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जानिए ब्रेस्ट कैंसर के बारे में-
क्या है ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है , जिसमें स्तन की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है, जो ट्यूमर बना सकती हैं यह बाद में शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है. ब्रेस्ट कैंसर तब होता है, जब स्तन की कोशिकाओं के DNA में कुछ बदलाव आ जाते हैं. ब्रेस्ट कैंसर जैसे कुछ प्रकार के कैंसर में एक बार ठीक होने के बाद फिर से होने का खतरा हो सकता है. इस तरह के कैंसर को रिकरंट कैंसर कहा जाता है.
दोबारा कैंसर होने के कारण
ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा होने के कारणों के बारे में डॉक्टर बताते है कि पहली बार कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद भी कैंसर की कुछ सेल्स बची रह जाती हैं. वह कुछ समय बाद बढ़ने लगती है, जिससे दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. कुछ महिलाओं में हार्मोनल प्रभाव ब्रेस्ट कैंसर फिर से होने का कारण बनते हैं. महिला के परिवार में पहले से किसी को ब्रेस्ट कैंसर है तो इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर महिलाएं अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करती है तब भी कैंसर दोबारा हो सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बचें
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें. शारीरिक रूप से एक्टिव रहें. अपना वजन चेक करते रहें. वजन कंट्रोल में रखें क्योंकि वजन बढ़ने का कारण यह ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है. खासतौर पर पीरियड्स के बाद आपका वज़न ज्यादा होता है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है. दरअसल, फैट कोशिकाएं ही कैंसर संबंधी ट्यूमर या गांठ बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं. शराब व धुम्रपान से दूर रहें. ब्रेस्ट से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें.
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भारत में ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की जान ब्रेस्ट कैंसर से चली जाती है. इतनी अधिक संख्या में मौत का कारण जानकारी का अभाव और स्क्रीनिंग में होने वाली देर है. आंकड़ों के अनुसार 100 में से केवल 9 महिलाएं अपने जीवन में एक बार किसी ब्रेस्ट कैंसर स्क्रिनिंग का हिस्सा बनती हैं. वहीं, कई महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखायी देते हैं. इसीलिए, रेग्यूलर स्क्रीनिंग और मैमोग्राम जैसे टेस्ट कराना बहुत महत्वपूर्ण है.