Farmers Protest: आंदोलन में अबतक 3 पुलिसकर्मियों की मौत, 30 घायल, किसान नेता दे रहे भड़काऊ भाषण, हरियाणा पुलिस ने दिया अपडेट
Farmers Protest: बीते 13 फरवरी से कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए किसानों का आंदोलन जारी है, वहीं शुक्रवार, 23 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार का विरोध करते हुए आज काला दिवस मना रहा है. वहीं किसान आंदोलन के दौरान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर 3 दिन पहले 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह नाम के एक युवक की मौत हो गई थी. आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण सिंह के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.
बॉर्डर पर अब तक तीन पुलिसकर्मियों की मौत
कई दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच हरियाणा पुलिस ने एक बयान जारी किया है. बयान में हरियाणा पुलिस ने बताया है कि किसान आंदोलन में अब तक कितने पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है और कितने घायल हुए हैं. हरियाणा पुलिस के मुताबिक कई दिनों से जारी किसान आंदोलन के दौरान दो पुलिसकर्मी की मौत हरियाणा प्रदेश में हुई है, जबकि एक पुलिसकर्मी की मौत पंजाब के जिम में वर्जिश करते हुई है. बयान के मुताबिक अबतक कुल 3 पुलिसकर्मियों की मौत इस आंदोलन के दौरान हो चुकी है. इससे पहले पंजाब-हरियाणा खनौरी बॉर्डर पर तैनात मलेरकोटला, पंजाब पुलिस के डीएसपी दिलप्रीत सिंह की भी मौत हो गई, दिलप्रीत सिंह को सीने में दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
किसानों की ओर से की जा रही है लगातार पत्थरबाजी
हरियाणा पुलिस ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान हुई झड़पों में 30 पुलिसकर्मी घायल भी हुए. वहीं झड़प के दौरान एक पुलिसकर्मी को चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हुआ है. हरियाणा पुलिस के अनुसार किसानों की ओर से लगातार पत्थरबाजी की जा रही है. इस कारण पुलिसकर्मियों को चोट आई है. इसके साथ ही हरियाणा पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाया गया और किसान इसे लगातार तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. किसान भारी मात्रा में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं.
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सरकार-अधिकारियों के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल
पुलिस ने कहा है कि किसान नेता पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इससे ही कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रहा है. फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भड़काऊ और उकसाने वाले भाषण दिए जा रहे है और उनके भाषणों को बड़ी संख्या में शेयर भी किया जा रहा है. हरियाणा पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि किसान नेताओं की ओर से लगातार सरकार के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गलत शब्दों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं पुलिस ने कहा कि किसानों के आंदोलन से कितने रुपए की संपत्ति को नुकसान हुआ है, अभी तक इसका आकलन नहीं हो पाया है.