Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में गृह मंत्रालय, अमित शाह ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंग, सेना-खुफिया विभाग के प्रमुख हुए शामिल

Manipur Violence: रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मणिपुर में जारी हिंसा के हालात की पूरी जानकारी दी.
amid Manipur Violence Home Minister Amit Shah chaired a high-level meeting

मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में गृह मंत्रालय, अमित शाह ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंग

Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) की नई सरकार के गठन के बाद केंद्र सरकार की ओर से पहली उच्च स्तरीय बैठक की गई है. गौरतलब है कि बीते दिन रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने मणिपुर में जारी हिंसा के हालात की पूरी जानकारी दी. इसके बाद सोमवार को दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई.

हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समग्र समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मणिपुर में हिंसा की कोई और घटना न हो. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों को रणनीतिक रूप से तैनात किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

खुफिया विभाग के प्रमुख तपन डेका भी हुए शामिल

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया विभाग के प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (पदनाम) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, GOC थ्री कोर एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव, मणिपुर के DGP राजीव सिंह के साथ असम राइफल्स के DG चंद्रन नायर शामिल हुए. बता दें कि, हाल के दिनों में मणिपुर में हिंसा की फिर से खबरें सामने आ रही हैं. मोरेह के पास एक स्कूल को उपद्रवियों ने जला दिया था. साथ ही एक शख्स की सर कटी लाश भी बरामद की गई थी. वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले में शामिल अग्रिम सुरक्षा दल पर भी कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया था. हमले में एक सुरक्षा अधिकारी और एक अन्य शख्स घायल हो गया था.

यह भी पढ़ें: पीएम बनने के बाद पहली बार Varanasi आएंगे PM Modi, किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त करेंगे जारी, गंगा आरती में होंगे शामिल

3 सालों से कुकी और मैतई समुदाय के बीच संघर्ष

गौरतलब है कि, पिछले 3 सालों से पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो समुदायों कुकी और मैतई के बीच संघर्ष जारी है. इस हिंसा में अबतक 225 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. वहीं 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. इस बीच कई लोग सरकार की ओर से बनाए गए राहत केंद्रों में रह रहे हैं. वहीं, 10 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भी नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है और इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया था. अब ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से पहली उच्च स्तरीय बैठक की गई और मणिपुर में जारी हिंसा के हालात पर समीक्षा की गई.

ज़रूर पढ़ें