Bangladesh Violence: ‘शेख हसीना ने भारत आने की इजाजत मांगी थी’, राज्यसभा में बोले विदेश मंत्री जयशंकर
Bangladesh Violence: पड़ोसी देश बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. वहां के हालात पर भारत सरकार भी नजर रखे है. मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालात पर राज्यसभा में बयान दिया और भारत का रुख स्पष्ट किया. विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में लोग सड़कों पर हैं और वहां अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं को निशाना बनाया गया है. जयशंकर ने कहा कि अल्पसंख्यकों की स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी हमला किया, जिसके बाद हालात बिगड़े. विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि इस्तीफे के बाद शेख हसीना ने भारत आने की इजाजत मांगी थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर दोपहर 3.30 बजे लोकसभा में भी बयान देंगे. इससे पहले मंगलवार दोपहर केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक में कहा, बांग्लादेश में स्थिति इतनी भयावह नहीं है कि हिंसा प्रभावित देश में 12,000-13,000 भारतीयों को निकालने की जरूरत पड़े. विदेश मंत्री का कहना था कि वहां 20 हजार भारतीय नागरिक थे. इनमें करीब 8 हजार भारतीय वापस आ गए हैं.
बांग्लादेश की स्थिति पर सरकारी की कड़ी नजर
बांग्लादेश के मामले पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी सरकार बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है. वहां विरोध-प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इस बैठक में एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा, दोनों सदनों में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अधिकांश विपक्षी दल भी शामिल हुए. हालांकि, आप ने दावा किया कि उसे बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था.
“बांग्लादेश की स्थिति पर भारत बारीकी से नजर रखे हुए है, BSF को अलर्ट रहने को कहा गया.”- विदेश मंत्री एस जयशंकर @DrSJaishankar #India #BangladeshViolence #BangladeshProtests #VistaarNews pic.twitter.com/DDUXUZCt4l
— Vistaar News (@VistaarNews) August 6, 2024
भारतीय समुदाय के संपर्क में है सरकार
मंगलवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, बांग्लादेश में जुलाई से हिंसा हो रही है. 21 जुलाई को वहां आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. उसके बावजूद विरोध-प्रदर्शन होते रहे. 4 अगस्त को हालात बिगड़े. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमले किए. सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. 5 अगस्त को कर्फ्यू लगाया गया. उसके बावजूद सड़कों पर मार्च निकाला गया. आर्मी चीफ ने देश को संबोधित किया और शांति की अपील की. हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया. हमारी सरकार भारतीय समुदाय के संपर्क में है और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नजर रख रही है.
हिंसा के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने भारत आने की इजाजत मांगी थी. हमारे बॉर्डर पर चौकसी बरती जा रही है और BSF को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. हम ढाका प्रशासन के संपर्क में है. भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. विदेश मंत्री ने बताया कि सरकार ने हसीना के साथ भी संक्षिप्त चर्चा की है.