Supreme Court: बंगाल सरकार के आरोपों पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा कि सीबीआई पर केंद्र का कोई नियंत्रण नहीं है. बंगाल सरकार के कई मामलों का जांच सीबीआई के हाथों में जाने पर दायर याचिका को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट में ये बात कही है. पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है कि सीबीआई ने कई मामलों में जांच के लिए राज्य सरकार से इजाजत नहीं ली है. बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया.
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है और अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है. ऐसा उस समय हो रहा है, जब राज्य ने अपने अधिकार क्षेत्र में संघीय एजेंसी को मामले की जांच के लिए दी गई आम सहमति वापस ले ली है. अनुच्छेद 131 केंद्र और एक या ज्यादा राज्यों के बीच विवाद में सुप्रीम कोर्ट के मूल अधिकार क्षेत्र से जुड़ा है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने क्या कहा?
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच को बताया कि ‘संविधान का अनुच्छेद 131 संविधान के सबसे पवित्र क्षेत्राधिकार में से एक है और इसके प्रावधानों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.’ मेहता ने कहा कि राज्य सरकार के मुकदमे में जिस मामले के बारे में बताया गया है, वह भारत सरकार ने दायर नहीं किया है.
तुषार मेहता ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने मामला दर्ज नहीं किया था बल्कि सीबीआई ने किया था और सीबीआई पर भारत सरकार का किसी भी तरह का कोई भी नियंत्रण नहीं है. बता दें कि 16 नवंबर 2018 को बंगाल सरकार ने सीबीआई को राज्य में जांच करने की मंजूरी वापस ले ली थी, जिसके तहत सीबीआई बंगाल में छापेमारी या जांच नहीं कर सकती.
CBI पर दुुरुपयोग का आरोप लगा रहें विपक्षी दल
केंद्र में सरकार चलाने वाली भारतीय जनता पार्टी पर बार-बार विपक्षी पार्टियों ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार बार-बार इसका खंडन करती रही है. साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय एंजेंसी को पिंजरे में बंद तोता तक कह दिया था. उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की सरकार सत्ता में थी.