‘सरकार के खिलाफ हमेशा फैसले देना न्यायपालिका की स्वतंत्रता नहीं…’, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कही बड़ी बात
CJI DY Chandrachud: सोमवार को देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘हमारा समाज बदल गया है, विशेष रूप से सोशल मीडिया के आने के बाद. आप ऐसे प्रेशर ग्रुप देखते हैं, अनुकूल निर्णय लेने के लिए अदालतों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. सीजेआई ने आगे कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हर वक्त सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं होता है. सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कई सवालों का जवाब देते हुए बताया कि कुछ प्रेशर ग्रुप हैं जो मीडिया का उपयोग करके अदालतों पर दबाव डालते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया के कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए. इस दौरान CJI चंद्रचूड़ ने लोगों से जजों पर भरोसा करने का आग्रह किया. देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश आधुनिक भारत में न्यायपालिका की भूमिका विषय पर उन्होंने कई बड़ी बातें कही. बीते 11 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पूजा करते हुए सीजेआई की तस्वीरों के राजनीतिक संदर्भ पर उठे सवालों का भी जवाब दिया.
सीजेआई ने कहा- ‘परंपरागत रूप से, न्यायिक स्वतंत्रता को कार्यपालिका से स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया गया था. न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ अब भी सरकार के हस्तक्षेप से स्वतंत्रता है. लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता के संदर्भ में यह एकमात्र चीज नहीं है.’
सोशल मीडिया आने से बदला समाज- सीजेआई
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा समाज बदल गया है, विशेष रूप से सोशल मीडिया के आने के बाद. आप ऐसे प्रेशर ग्रुप देखते हैं, जो अनुकूल निर्णय लेने के लिए अदालतों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग करते हैं. ये प्रेशर ग्रुप ऐसा माहौल बनाते हैं कि यदि फैसला उनके अनुकूल आए, तभी माना जाएगा कि न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से काम कर रही है. अगर फैसला उनके मन माफिक नहीं आए तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं मानी जाएगी.’
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सीजेआई ने कहा, ‘इसी बात पर मुझे आपत्ति है. स्वतंत्र होने के लिए, एक न्यायाधीश को यह तय करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने. और एक जज की अंतरात्मा कानून और संविधान द्वारा निर्देशित होती है, इसमें कोई शक नहीं. जब फैसला सरकार के खिलाफ आता है और चुनावी बांड योजना रद्द कर दी जाती है तो न्यायपालिका बहुत स्वतंत्र होती है, लेकिन अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह जाती… यह मेरी स्वतंत्रता की परिभाषा नहीं है.’
पीएम के साथ तस्वीर को विपक्ष ने बड़ा तूल दिया- सीजेआई
डीवाई चंद्रचूड़ ने गणपति पूजा पर पीएम मोदी के साथ वायरल हुए तस्वीर पर भी जवाब देते हुए कहा- विपक्ष ने इसे बड़ा तूल दिया. इसमें कुछ भी गलत नहीं था. राजनीतिज्ञों में परिपक्वता होनी चाहिए. पीएम गणपति पूजा के लिए मेरे आवास पर आए. मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. क्योंकि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच यहां तक कि सामाजिक स्तर पर भी लगातार बैठकें चल रही हैं. हम राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों, गणतंत्र दिवस आदि मौकों पर मिलते हैं. हम प्रधानमंत्री और मंत्रियों के साथ बातचीत करते हैं. इस बातचीत में वे मामले शामिल नहीं होते जिन पर हम निर्णय लेते हैं, बल्कि सामान्य रूप से व्यक्तिगत जीवन और समाज से जुड़े मुद्दे शामिल होते हैं.’