50 दिनों बाद जेल से बाहर निकले केजरीवाल के सामने कई चुनौतियां, क्या दिल्ली में BJP का किला भेद पाएगी AAP?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान खत्म हो गया है. हालांकि, दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी खबर सामने आई है. शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. चुनाव के बीच केजरीवाल को जमानत मिलना आम आदमी पार्टी के लिए राहत की सांस जरूर है. केजरीवाल को जैसे ही अंतरिम जमानत मिली, आम आदमी पार्टी के नेता खुशी मनाने लगे. हालांकि, आम चुनाव के बीच 50 दिनों बाद जेल से बाहर निकले दिल्ली सीएम के सामने कई चुनौतियां हैं. अभी तक अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल पार्टी के लिए चुनावी अभियान में मुख्य भमिका निभा रहीं थी. वह दिल्ली में रोड शो भी कर रही हैं.
इस वक्त सुनीता केजरीवाल के अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी आम आदमी पार्टी को बुरे दौर से निकालने में लगे हुए हैं. दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मामले में एक-एक कर आप के शीर्ष नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसी की कार्रवाई के बाद पार्टी का चुनाव कैंपेन डगमगा जरूर गया है. उधर, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी को घेरती रही है और दिल्ली की जनता के मन में केजरीवाल को लेकर नैरेटिव बदलने की कोशिश में जुटी है.
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आप-कांग्रेस गठबंधन पर घमासान
गौरतलब है कि वर्तमान समय में दिल्ली के सभी 7 लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. वहीं इस चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए दिल्ली में आप और कांग्रेस ने हाथ मिलाया है. दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के तहत कांग्रेस 3 सीटों पर तो आप 4 सीटों पर चुनावी मैदान में है. हालांकि, कांग्रेस और आप जिस सोच को लेकर एक साथ आए थे उसमें वे कितना सफल होंगे, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन इसके पहले ही इस गठबंधन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के अंदर ऐसा अंतर्कलह हुआ कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा तक दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.
कार्यकर्ताओं के बीच भारी नाराजगी
वहीं आप-कांग्रेस के गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी सहज नहीं नजर आए हैं. आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह किस तरह से कांग्रेस के वोटों को अपने साथ जोड़ सकती है और क्या ऐसा करने में उसे सफलता मिलेगा या नहीं. वहीं कांग्रेस के सामने भी स्थिति यही है कि कैसे AAP के वोटों को ट्रांसफर कराया जाए. सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि दिल्ली कांग्रेस प्रदेश ईकाई के कई शीर्ष नेता केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आप के साथ किए गए गठबंधन को लेकर नाराज हैं. उनका मानना है कि जिस आम आदमी पार्टी के झूठे आरोपों और आंदोलन के कारण कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई अब केंद्रीय नेतृत्व ने उनके साथ ही हाथ मिला बैठा है.
“जेल का जवाब वोट से”
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 21 मार्च को ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में बंद थे. हालांकि, आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिल चुकी है. दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. केजरीवाल को जेल होते ही पार्टी इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने में जुट गई और यहां तक कि आप ने ‘जेल का जवाब वोट से’ कैंपेन भी शुरू कर दिया. पार्टी इस कोशिश में थी की केजरीवाल के नाम पर सहानुभुति में जनता वोट करेगी. हालांकि, बदले समीकरण में देखना होगा दिल्ली की जनता के मन में क्या है.