Lok Sabha Election: क्या जम्मू कश्मीर में एक साथ कराए जा सकते हैं चुनाव? जानिए राजनीतिक दलों की मांग पर क्या बोले CEC राजीव कुमार

Jammu-Kashmir Lok Sabha Election 2024: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग लोकसभा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर चिंतित है.
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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

Jammu-Kashmir Lok Sabha Election 2024: देश में कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए चुनाव आयोग देश के कई राज्यों का दौरा कर रहा है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग की टीम ने 11 से 13 मार्च तक जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा किया. इसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर में चुनावी तैयारियों पर जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस दौरान कहा कि आयोग लोकसभा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर चिंतित है.

कई राजनीतिक दलों से की बातचीत

जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर चिंतित हैं. श्रीनगर और जम्मू में हम जिन राजनीतिक दलों से मिले, उनमें से अधिकांश दलों ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग की, लेकिन दो चुनाव एक साथ कराने पर अंतिम फैसला सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक दलों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा’. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची पोल पैनल टीम ने एनसी, पीडीपी, बीजेपी, सीपीआई (एम), कांग्रेस और आप के प्रतिनिधियों के अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पोल और नोडल से बातचीत की.

चुनाव की देरी पर दिया विसंगति का हवाला

राजीव कुमार ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में वॉलेट के माध्यम से ऑनलाइन नकद हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. उन्होंने दावा किया कि फर्जी खबरों की रोकथाम के लिए सभी जिलों में सोशल मीडिया प्रकोष्ठ स्थापित किए जाएंगे. सीईसी ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में कथित देरी पर एक सवाल के जवाब में ‘विसंगति’ का हवाला दिया. राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में आया था. इसके बाद 2022 में परिसीमन स्वीकार कर लिया गया, तो चुनाव कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में देरी ECI की ओर से नहीं है.

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हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई- ECI

उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से से 24 सीटें आरक्षित करने के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 107 रखी गई थी. इसके बाद 83 विधानसभा सीटें बचीं, जिनमें 7 एससी के लिए आरक्षित थी. वहीं परिसीमन अधिनियम, 2022 के माध्यम से एसटी के लिए आरक्षण आवंटित करने के बाद 90 विधानसभा सीटों के साथ विधानसभा सीटों की संख्या 114 हो गई. तब, प्रवासियों के लिए 2 सीटों के साथ एक महिला सीट और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के विस्थापितों के लिए एक नामांकन का प्रावधान था. यह तस्वीर दिसंबर 2023 में सामने आई और इस पर हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई.’

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