Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में 13 के फेर में फंसी BJP और कांग्रेस, इनके हाथ होगा सुक्खू सरकार का भविष्य
Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के कारण सियासत गरमाई हुई है. हालांकि अभी तक सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार को कोई खतरा नहीं है. लेकिन सरकार ’13 के फेर’ में फंसती है तो फिर नए समीकरण बनने लगेंगे. इस वजह से कहा जाता है कि सुक्खू सरकार पूरी तरह इन्हीं के हाथ में होगी.
दरअसल, राज्य में कुल 68 विधानसभा सीट है. वर्तमान में मौजूदा कांग्रेस सरकार के पास कुल 40 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के पास कुल 25 विधायक हैं. इन दोनों पार्टियों के अलावा राज्य में तीन निर्दलीय विधायक भी हैं. इन निर्दलीय विधायकों का समर्थन बीजेपी के साथ है, यानी बीजेपी के पास कुल मिलाकर 28 विधायक हैं. जबकि 68 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए होगा.
बहुमत के लिए चाहिए होंगे 35 विधायक
बीजेपी के पास अभी 28 विधायक हैं और कांग्रेस को 40 विधायकों का समर्थन है. हालांकि पार्टी के छह विधायकों की सदस्यता दांव पर है. इनके खिलाफ स्पीकर के पास शिकायत की गई है. इस मामले में सुनवाई जारी है. अब अगर इन विधायकों की सदस्यता चली जाती है तो कांग्रेस के पास 34 विधायक बचेंगे.
देखा जाए तो कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए कम से कम 13 विधायकों की जरूरत बीजेपी को होगी. अगर 13 विधायक समर्थन नहीं देने के बाद इस्तीफा भी देते हैं तो बीजेपी मैजीक आंकड़े को छू सकती है. बता दें कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हम उनके (कांग्रेस विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था) खिलाफ अयोग्यता प्रस्ताव लाए हैं और उस पर सुनवाई चल रही है. हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी.
दूसरी ओर कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कहा है कि अभी तक ऐसा कुछ नहीं है. मैं हमेशा जो भी कहता हूं वह तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर कहता हूं. ऐसा कुछ नहीं है, यह सब अफवाह है. मैं सच बोलता हूं और बिना राजनीतिक मिलावट के कहता हूं.