Maharashtra Politics: ‘घर का नौकर समझने लगे थे उद्धव ठाकरे’, शिवसेना से बगावत पर एकनाथ शिंदे का बड़ा खुलासा

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को लेकर एक बड़ा दिया है. रविवार को नागपुर के रामटेक में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में उन्होंने कहा, 'प्रदेश के पूर्व सीएम उद्वव ठाकरे अधिकारियों के साथ घर के नौकर जैसा व्यवहार करते थे
Shiv Sena Conflict

उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को लेकर एक बड़ा दिया है. रविवार को नागपुर के रामटेक में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के पूर्व सीएम उद्वव ठाकरे अधिकारियों के साथ घर के नौकर जैसा व्यवहार करते थे.” गौरतलब है कि जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह के कारण शिवसेना दो भागों में बंट चुकी है.

शिंदे उस गुट का नेतृत्व करते हैं जिसे चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है. बंटवारे से पहले की शिवसेना पर बात करते हुए और अपने बगावत के पीछे की वजह बताते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे हमें दोस्त मानते थे, लेकिन वह (उद्धव) हमें घरेलू नौकर समझने लगे थे.

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“पार्टी के विचारधारा से किया जा रहा था समझौता”

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन करने के उद्धव के फैसले का जिक्र करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, “मैं अलग हो गया क्योंकि पार्टी की विचारधारा से समझौता किया जा रहा था, जो कि सेना के वैचारिक सहयोगी नहीं हैं. महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का गठन अक्टूबर 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के कुछ दिनों बाद हुआ था, जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन को चुनाव में जीत मिली थी. हालांकि, मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी, इस पर विवाद के कारण उद्धव ने लंबे समय से और वैचारिक सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस-एनसीपी के साथ चले गए.

2022 में गिर गई थी उद्धव ठाकरे की सरकार 

बता दें कि शिंदे के विद्रोह के बाद जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई. बाद में उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए जिस पद पर वह वर्तमान में हैं. वहीं जुलाई 2023 में शरद पवार द्वारा अपने चाचा और एनसीपी के सह-संस्थापक शरद पवार के खिलाफ विद्रोह करने के बाद वह शिंदे गुट और भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए.

वहीं, फरवरी 2024 में चुनाव आयोग ने अजीत पवार गुट को असली एनसीपी घोषित कर दिया. दूसरी ओर उद्धव के सेना गुट का नाम अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शरद पवार के एनसीपी गुट का नाम एनसीपी (शरदचंद्र पवार) है.

एनडीए के समर्थन में मांगी वोट 

इस बीच, रविवार की नागपुर बैठक में शिंदे ने लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को वोट देने की भी अपील की ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरा कार्यकाल मिल सके. बाद में उन्होंने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, “सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे का विवरण दो से तीन दिनों में पूरा हो जाएगा.

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