Parliament Session: शनिवार को सदन में राम मंदिर पर चर्चा कराएगी मोदी सरकार, BJP ने सांसदों को जारी किया व्हिप

केंद्र सरकार कल दोनों सदनों में राम मंदिर पर चर्चा कराएगी. संसद में सीधे राम मंदिर पर चर्चा नहीं हो सकती है, इसलिए इसके लिए एक बिल लाई जाएगी.
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Parliament Session: बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को 10 फरवरी को संसद के दोनों सदनों में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. बीजेपी ने पार्टी सांसदों को तीन लाइन व्हिप जारी किया है. बता दें कि संसद का बजट सत्र 9 फरवरी तक ही चलने वाला था, लेकिन इसे एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. अब 10 फरवरी इस सत्र का आखिरी दिन है. कहा जा रहा है कि संसद सत्र के आखिरी दिन मोदी सरकार कुछ बड़ा करने जा रही है. इसलिए ही पार्टी के सांसदों को व्हिप जारी किया गया है.

बीजेपी ने लोकसभा और राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उनसे शनिवार (10 फरवरी) को संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा गया क्योंकि कुछ महत्वपूर्ण विधायी कार्य हैं. दोनों सदनों में चर्चा होगी.

व्हिप में क्या कहा गया है? 

व्हिप में कहा गया है, “लोकसभा और राज्यसभा में सभी भाजपा सदस्यों को सूचित किया जाता है कि शनिवार, 10 फरवरी, 2024 को लोकसभा और राज्यसभा में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण विधायी चर्चा है. लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा के सभी सदस्य से अनुरोध है कि शनिवार, 10 फरवरी को पूरे दिन सदन में सकारात्मक रूप से उपस्थित रहें और सरकार के रुख का समर्थन करें.”

राम मंदिर को लेकर बिल लाएगी मोदी सरकार

बता दें कि केंद्र सरकार कल दोनों सदनों में राम मंदिर पर चर्चा कराएगी. संसद में सीधे राम मंदिर पर चर्चा नहीं हो सकती है, इसलिए इसके लिए एक बिल लाई जाएगी. दोनों सदनों के बीजेपी सांसदों के लिए कल के लिए एक व्हिप जारी किया गया है. संसद का के बजट सत्र का अंतिम दिन है. पीएम नरेंद्र मोदी कल शाम 5 बजे संसद भवन में लोकसभा में फेयरवेल स्पीच दे सकते हैं.पीएम मोदी के भाषण के साथ ही लोकसभा का समापन प्रस्तावित है.

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श्वेत पत्र लाई है मोदी सरकार

बताते चलें कि इससे पहले बजट सत्र के दौरान संसद में बीजेपी ने यूपीए सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र लाई थी. श्वेत पत्र में कहा गया कि रक्षा क्षेत्र में घोटाले हुए जिससे रक्षा तैयारियों पर असर पड़ा और सरकार ने हथियारों के अधिग्रहण में देरी की. श्वेत पत्र में आगे कहा गया कि यूपीए सरकार में रक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण निर्णय लेना रुक गया, जिससे रक्षा तैयारियों से समझौता हो गया. सरकार ने कई उपकरणों और हथियारों के अधिग्रहण में देरी की. श्वेत पत्र में कोयला घोटाले का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि कोयला ब्लॉकों का आवंटन मनमाने आधार पर किया गया.

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