Gaganyaan Mission के चारों एस्ट्रोनॉट्स के नाम आए सामने, पीएम मोदी ने पहनाए एस्ट्रोनॉट विंग्स

Gaganyaan Mission: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की घोषणा की थी.
Gaganyaan Mission, Astronauts

गगनयान के चार अंतरिक्ष यात्री

Gaganyaan Mission Astronauts: चांद और सूरज के बाद एक बार फिर से भारत देश अंतरिक्ष में इतिहास रचने को तैयार है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO अपने एक और नए मिशन गगनयान पर काम रही है. चंद्रयान और आदित्य एल-1 की सफलता के बाद यह ISRO का बहुप्रतीक्षित मिशन है. गगनयान भारत का पहला मानव मिशन होने वाला है. भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान जल्द लॉन्च होने वाला है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की घोषणा की थी. इसके बाद से ही संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के नामों पर संशय बना हुआ था. आज उन अंतरिक्ष यात्रियों के नाम सामने आ गए हैं. मंगलवार, 27 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान के चार अंतरिक्ष यात्री प्रशांत बालकृष्ण नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाकर दुनिया के सामने पेश किया.

रूस में हुई है पहली ट्रेनिंग

गगनयान के चारों अंतरिक्ष यात्री प्रशांत बालकृष्ण नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट है. चारों पायलट लगभग हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं इसलिए इनको गगनयान एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए चुना गया है. इनकी पायलटों की रूस में ट्रेनिंग हो चुकी है.

अब बेंगलुरु में एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है. बताते चलें कि गगनयान मिशन के लिए कई पायलटों का टेस्ट हुआ था, जिसमें से 12 चुने गए. इसके बाद इनको इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में भेजा गया. इसके बाद कई राउंड के सेलेक्शन प्रोसेस में से चार को चुना गया. चारों पायलटों के चयन के बाद इन्हें वर्ष 2020 में रूस भेजा गया. बता दें कि कोविड महामारी की वजह से ट्रेनिंग में देरी हुई.

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क्रायोजेनिक इंजन की भी टेस्टिंग हुई पूरी

इसरो के यह गगनयान मिशन वर्ष 2025 तक लॉन्च होगा. वहीं इस मिशन के शुरुआती चरणों को इसी साल यानी 2024 तक पूरा किया जा सकता है. बता दें कि इस मिशन दो मानवरहित मिशन को अंतरिक्ष में भेजना भी शामिल है. जब दो मिशन सफल होंगे उसके बाद ही मानव मिशन में एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि गगनयान मिशन ISRO की ओर से विकसित भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस मिशन में 4 चालक दल के सदस्यों को 400 किलोमीटर की कक्षा में तीन दिनों के मिशन के लिए लॉन्च करना और उन्हें सुरक्षित फिर पृथ्वी पर वापस लाना है. इसरो ने इस मिशन की टेस्टिंग पिछले साल ही की थी. वहीं बुधवार को इसरो ने इसके क्रायोजेनिक इंजन की भी टेस्टिंग की है. इस मिशन में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर(HSFC) का अहम योगदान है.

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