NEET Controversy: नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर गए हैं. इतिहास में पहली बार 67 अभ्यर्थियों को फुल मार्क्स मिले हैं. साथ ही एक एग्जाम सेंटर से कई टॉपर निकले हैं. छात्रों का कहना है कि नीट परीक्षा में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है. इसी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान न्यायालय ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए इनकार कर दिया है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे.
छात्रों का सवाल
मेडिकल के छात्रों ने कई सवाल उठाए हैं. जैसे, इस बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 अभ्यर्थी रहे. पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या में छात्र कैसे आ गए? 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए गए? क्योंकि अगर छात्र सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते. वहीं, एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग के कारण अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक मिलते.
एनटीए ने क्या कहा?
उधर, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने अनियमितता के आरोप को नकार दिया है. एजेंसी ने कहा कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों में बदलाव और एग्जाम सेंटर में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है.
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राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीट रिजल्ट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “नीट परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक स्टूडेंट्स और उनके परिवारों को तोड़ दिया है. एक ही एग्जाम सेंटर से 6 छात्र मैक्सिमम मार्क्स के साथ टॉप कर जाते हैं, कितनों को ऐसे मार्क्स मिलते हैं जो टेक्निकली संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार लगातार पेपर लीक की संभावना को नकार रही है.”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “शिक्षा माफिया और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे इस ‘पेपर लीक उद्योग’ से निपटने के लिए ही कांग्रेस ने एक रोबस्ट प्लान बनाया था. हमने अपने मैनिफेस्टो में कानून बना कर छात्रों को ‘पेपर लीक से मुक्ति’ दिलाने का संकल्प लिया था. आज मैं देश के सभी स्टूडेंट्स को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संसद में आपकी आवाज बन कर आपके भविष्य से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाऊंगा. युवाओं ने इंडिया पर भरोसा जताया है- इंडिया उनकी आवाज को दबने नहीं देगा.”