दारू में उड़ाए 48 हजार, RTO को नहीं चुकाए 1758 रुपए…2 करोड़ की पोर्श कार से 2 लोगों को रौंदने वाले रईसजादे की एक और करतूत

हादसे वाले दिन आरोपी ने अपनी लक्जरी पोर्शे टायकन से दो लोगों को टक्कर मारने से पहले एक पब में 90 मिनट के अंदर 48,000 रुपये खर्च किए थे.
Pune Porsche Accident

Pune Porsche Accident

Pune Porsche Accident: महाराष्ट्र के पुणे में लग्जरी कार पोर्श से दो लोगों को मौत के घाट उतारने वाले रईसजादे किशोर और उसके बिल्डर पिता को लेकर लागातार खुलासे हो रहे हैं. अब जो जानकारी सामने आई है वो हैरान करने वाली है. दरअसल, महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ढाई करोड़ की कार खरीदने वाले रईसजादे के बिल्डर पिता ने कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 1758 रुपए की फीस तक नहीं चुकाई थी.

महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पोर्श कार मार्च में बेंगलुरु के एक डीलर ने मंगाई थी और वहां से इसे अस्थायी पंजीकरण पर महाराष्ट्र भेजा गया था.

1758 रुपए की RTO फीस नहीं चुका पाया ढाई करोड़ की कार का मालिक

विवेक भीमनवार ने कहा, “जब इसे पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में लाया गया, तो पता चला कि उसका रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है और मालिक को प्रक्रिया पूरी करने के लिए राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया. उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूरी करने के लिए दोबारा कार आरटीओ नहीं लाया गया.”

200 किमी की रफ्तार में था आरोपी

बताया गया है कि हादसे वाले दिन आरोपी ने अपनी लक्जरी पोर्शे टायकन से दो लोगों को टक्कर मारने से पहले एक पब में 90 मिनट के अंदर 48,000 रुपये खर्च किए थे. बताया गया कि पब में पार्टी करने के बाद 17 वर्षीय किशोर लगभग 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श चला रहा था. तभी वह एक बाइक से टकरा गई, जिससे मध्य प्रदेश के 24 वर्षीय दो इंजीनियरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्ठा की तुरंत मौत हो गई. दुर्घटना के समय किशोर अपने दो दोस्तों के साथ एक पब से लौट रहा था. अब जब आरोपी को 15 घंटे के भीतर जमानत मिल गई तो इसको लेकर अब सोशल मीडिया पर आक्रोश बढ़ गया है.

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आरोपी को महज 15 घंटे में मिली जमानत

दरअसल, किशोर ड्राइवर को शर्तों के तहत 15 घंटे के भीतर जमानत दे दी गई. एक स्थानीय अदालत ने किशोर को दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, 15 दिनों के लिए यातायात पुलिस के साथ काम करने और अपनी शराब पीने की आदत के लिए परामर्श लेने का आदेश दिया. इसके बाद पीड़ित परिवारों ने त्वरित जमानत पर कहा कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है.

भागने की कोशिश में था बिल्डर और आरोपी बेटा

जानकारी ये भी सामने आई है कि हादसे के बाद कम उम्र के बेटे को गाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद कथित तौर पर बिल्डर ने भागने की प्लानिंग की. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए नया सिम कार्ड भी खरीदा.

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