Ram Mandir: कैसा है रामलला का सिंहासन? जानिए क्या है खास, इन दो भाइयों का है बड़ा योगदान
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होगा. वहीं मंदिर में रामलला का सिंहासन भी बनकर तैयार हो गया है. सोमवार को रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसी सिंहासन पर विराजमान होंगे. उनके तीन फीट ऊंचे संगमरमर सिंहासन को सोने से मढ़ा गया है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ‘मूल मुहूर्त’ में दोपहर 12:29:08 बजे से 12:30:32 बजे के बीच यानी एक मिनट 24 सेकेंड में होगी. वाराणसी के पंडितों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के लिए ये 84 सेकेंड का मुहूर्त तय किया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा का ‘मूल मुहूर्त’ पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित विश्वेश्वर शास्त्री द्वारा तय किया गया है. इसी मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी और उसके बाद रामलला सिंहासन पर विराजमान होंगे. गर्भगृह का सिंहासन और सफेद मार्बल के फर्श को नागौर की मकराना तहसील के राना मार्बल के दो भाईयों द्वारा तैयार किया गया है. इसके लिए करीब 95 हजार फीट मार्बल फर्श और क्लैंडिंग का उपयोग हुआ है. मजूबती के लिए फर्श पर 35 MM की मोटाई का सफेद मार्बल स्लैब बना है.
सिंहासन पर चढ़ी सोने की परत
सिंहासन बनाने की जिम्मेदारी आर्किटेक्ट दक्षिता अग्रवाल संभाल रही थीं. उन्होंने सिंहासन के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि सिंहासन पर सोने की परत चढ़ी हुई है. सिंहासन पत्थर से बना है और करीब तीन फीट ऊंचा है. सिंहासन चार फीट चौड़ा और आठ फीट लंबा है. वहीं राम मंदिर के भूतल में खंभे लगे हुए हैं, जिसपर भगवान शंकर की मूर्तियां उकेरी गई हैं. जबकि हर कोने में आकर्षक नक्काशीदार पत्थर लगाए गए हैं.
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गौरतलब है कि बीते दिनों ही रामलला की बालस्वरूप प्रतिमा का चयन भी कर लिया गया था. सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान उसी प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा. इस समारोह के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बता दें कि मुख्य मंदिर का निर्माण तीन हिस्सों में हो रहा है. पहला हिस्सा यानी भूतल जिसका सोमवार को उद्घाटन होगा, उसका निर्माण पूरा कर लिया गया है. जबकि दिसंबर 2025 तक दूसरे तल का निर्माण भी पूरा हो जाएगा.