Maharashtra CM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की शानदार जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच तकरार चल रही है, क्योंकि तीनों ही दल इस महत्वपूर्ण पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
बीजेपी का सीएम पद पर दावा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने का गौरव हासिल किया है, और अब उनका मुख्य लक्ष्य मुख्यमंत्री पद पर कब्जा करना है. हालांकि, बीजेपी के भीतर भी सीएम के नाम को लेकर असमंजस है. पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि सरकार बनाने का फैसला जल्द ही लिया जाएगा, और इस पर सभी पार्टियां आपसी चर्चा के बाद निर्णय लेंगी.
शिवसेना में शिंदे का दबदबा
शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना है और वे मुख्यमंत्री पद पर कायम रहने की कोशिश कर रहे हैं. शिंदे के समर्थकों का कहना है कि उनके कार्यकाल में पार्टी को सफलता मिली है और उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए. शिंदे ने चुनाव से पहले सीएम पद की दौड़ से खुद को बाहर बताया था, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद वह अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश कर रहे हैं.
एनसीपी में अजित पवार की चुनौती
एनसीपी में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचल है. अजित पवार ने अपनी पार्टी को 59 में से 41 सीटें दिलाकर दिखा दिया कि असल एनसीपी उनकी ही है. उन्होंने सीएम बनने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है और पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने भी उनका समर्थन किया है. हालांकि, अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद को लेकर भी सहमति जताई है, यदि बीजेपी अपना मुख्यमंत्री चुनती है.
महायुति की जीत और जटिल सत्ता समीकरण
महायुति ने 288 सीटों में से 230 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है, और अब सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना और एनसीपी भी मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रहे हैं, जिससे सत्ता का समीकरण जटिल हो गया है. 236 विधायकों का समर्थन महायुति के पास है, लेकिन कौन सी पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, यह तय नहीं हो सका है.
सीएम पद को लेकर बीजेपी के भीतर रणनीतियां
बीजेपी के नेताओं के बीच दिल्ली में बैठकों का सिलसिला जारी है, और मुंबई में भी विधायक और पार्टी नेताओं के बीच मुलाकातें हो रही हैं. बीजेपी की कोशिश है कि वह इस बार मुख्यमंत्री पद पर अपनी स्थिति को मजबूत करें, खासकर 2019 में जब उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा था.
फडणवीस का नाम सबसे आगे
बीजेपी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे है. फडणवीस 2014 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे और 2019 में फिर से मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इस बार भी उनकी भूमिका को लेकर चर्चाएं हैं, और उन्हें बीजेपी के शानदार प्रदर्शन का श्रेय दिया जा रहा है. हालांकि, बीजेपी के फैसले को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
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एकनाथ शिंदे का दबाव
शिंदे की शिवसेना ने सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर दी है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि शिंदे ने ढाई साल के कार्यकाल में अच्छा काम किया है और इसलिए उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए. उनके समर्थक खुले तौर पर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, और यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या बीजेपी शिंदे को नजरअंदाज करेगी.
अजित पवार की सियासी ताकत
अजित पवार ने एनसीपी में अपनी ताकत साबित की है. वह अब मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं और उनका नाम भी इस दौड़ में शामिल हो गया है. हालांकि, वह डिप्टी सीएम पद को लेकर भी सहमति दिखा रहे हैं, अगर बीजेपी अपना मुख्यमंत्री चुनती है.
अब देखना यह है कि बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बीच यह सियासी जंग कैसे खत्म होती है और महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा. सभी पार्टियों के बीच सत्ता को लेकर राजनीतिक नफा-नुकसान की गणना की जा रही है, और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा.