मानव अंग की तस्करी का शक, कोलकाता कांड में CBI सूत्रों का दावा, अस्पताल में सेक्स-ड्रग रैकेट चलाने के आरोप
Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. CBI को अब तक की जांच और पीड़िता के साथी डॉक्टरों के बयानों से पता चला है कि मानव अंगों के अवैध कारोबार से पर्दा उठाने की कोशिशें रोकने के लिए ट्रेनी डॉक्टर को रास्ते से हटाया गया. जांच एजेंसी ने शनिवार को 13 लोगों से पूछताछ की. दो दिन में वह 19 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इसमें आधे से अधिक लोगों ने अस्पताल से मानव अंगों की तस्करी के रैकेट को लेकर जानकारी दी है. टीम का दावा है कि जल्द ही कई सफेदपोश चेहरे सामने आएंगे.
CBI सूत्रों के हवाले से दैनिक भास्कर ने अपने रिपोर्ट में बताया कि मामले की जड़ें काफी गहरी हैं. रेप इसलिए किया गया, ताकि यह आम घटना लगे. मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से सेक्स और ड्रग रैकेट चलाने का भी आरोप है. 23 साल पहले 2001 में कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्र की मौत की कड़ियां भी इससे जुड़ने लगी हैं.
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अस्पताल में सेक्स और ड्रग रैकेट चलाने का दावा
एक राजनीतिक पार्टी के सीनियर नेता ने दावा किया है कि उनके पास डॉक्टरों के एक वॉट्सएप ग्रुप के स्क्रीनशॉट हैं, जिससे अस्पताल में सेक्स और ड्रग रैकेट का पता चलता है. इसमें एक अन्य पार्टी के सीनियर नेता और उनके भतीजे का जिक्र है. CBI सूत्रों के मुताबिक, इस सुराग के बाद पूछताछ में मेडिकल कॉलेज के चार लोगों के नाम सामने आए हैं. इनमें तीन डॉक्टर और एक हाउस स्टाफ है. दावा है कि ये चारों एक सियासी दल से जुड़े हैं और अस्पताल में सेक्स व ड्रग रैकेट चलाते थे. CBI अधिकारी बताते हैं कि पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मेडिकल कचरे के निपटान, कुछ दवा और सामान की सप्लाई का काम प्रबंधन के करीबी को मिला था, पर शर्त अनुसार सप्लाई नहीं की जा रही थी. पीड़िता को इसकी भनक थी. अंदेशा है कि ये भी हत्या की एक वजह रही हो. अस्पताल के एक डॉक्टर का दावा है कि पीड़ित ने इसकी पहले स्वास्थ्य भवन में शिकायत की थी. हालांकि, आरोपियों के रसूखदार होने से कार्रवाई नहीं हुई. ट्रेनी डॉक्टर सबूतों के साथ सोशल मीडिया पर पूरे मामले के खुलासे की योजना बना रही थी.
डेड बॉडी से भी अंग निकाले जाते थे- छात्र
कॉलेज के छात्रों ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर आरोप लगाए हैं कि यहां जो हो रहा था, उसकी जानकारी घोष को थी. आरोप है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए आने वाले लावारिस शवों को प्रैक्टिकल के लिए रखा जाता था. उनके शरीर से अंग भी निकाल लिए जाते थे. फिलहाल CBI ने इसकी पुष्टि नहीं की है. संदीप घोष ने घटना के चौथे दिन 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था. CBI ने शुक्रवार (16 अगस्त) को उन्हें हिरासत में लिया. शुक्रवार देर रात तक उनसे पूछताछ हुई. फिर शनिवार (17 अगस्त) को साढ़े 13 घंटे पूछताछ हुई.
23 साल पहले इसी कॉलेज के छात्र की मौत से जुड़ी कड़ियां
ट्रेनी डॉक्टर से रेप-हत्या की घटना ने 2001 में आरजी कर मेडिकल काॅलेज के हाॅस्टल में 31 साल के सौमित्र बिश्वास की मौत की यादें ताजा कर दीं. पुलिस ने उसे आत्महत्या करार दिया था, लेकिन घरवालों ने हत्या बताया था. साथी डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ होने के डर से हत्या की गई थी. काॅलेज के एक पूर्व छात्र ने दावा किया है कि सौमित्र के समय सेमिनार रूम और हॉस्टल में सेक्स वर्कर्स को लाना आम बात थी. इनके जरिए छात्राओं को ब्लैकमेल किया जाता था. उसकी एक मित्र के साथ ऐसी ही हरकत की गई थी और सौमित्र ने विरोध किया था.