LED घोटाले में जेल और रसूख के दम पर रुकवा दिया ट्रांसफर…जानिए NEET-UG पेपर लीक मामले में आरोपी सिकंदर यादवेंदु की फ्रॉड कुंडली
Who is Sikandar Yadvendu: NEET-UG पेपर लीक मामले में हर दिन नया खुलासा हो रहा है. बिहार पुलिस ने मास्टरमाइंड सिकंदर कुमार यादवेंदु समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि पेपर लीक सिर्फ पटना तक सीमित नहीं था, बल्कि रांची और गोधरा तक फैला हुआ था. सिकंदर का सॉल्वर गैंग देश के कई राज्यों में सक्रिय था. वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इधर हर दिन इस केस में नए खुलासे हो रहे हैं. बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ जारी है.
ठेकेदार से बना ‘सॉल्वर गैंग’ का मुखिया
किसान परिवार से आने वाले और 2012 तक एक छोटे-मोटे ठेकेदार के तौर पर काम करने वाले सिकंदर पी यादवेंदु काफी हद तक रडार से दूर रहा है. ऐसा तब तक था जब तक उसका नाम बिहार में कथित NEET-UG पेपर लीक के सिलसिले में सामने नहीं आया. अब नीट पेपर लीक मामले में यादवेंदु मुख्य आरोपी है. राज्य पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यादवेंदु इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. उसे परीक्षा आयोजित होने के कुछ घंटों बाद 5 मई को 12 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
पटना के दानापुर के रूपसपुर इलाके में एक अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहने वाले यादवेंदु के पास इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है और डेढ़ दशक तक ठेकेदार के तौर पर काम करने का अनुभव भी. यह पहला मामला नहीं है जब यादवेंदु को कानूनी पचड़ों का सामना करना पड़ा हो. इससे पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में भी उसे जेल जाना पड़ा था.
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समस्तीपुर का रहने वाला है आरोपी यादवेंदु
बिहार के समस्तीपुर में कृषि प्रधान परिवार से आने वाले और 4.96 एकड़ जमीन के मालिक यादवेंदु ने 1980 के दशक में दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद रांची से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया. 2012 में उसके पेशेवर करियर में एक नया मोड़ आया, जब बिहार में एनडीए की सरकार के दौरान उसे जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिली. इसके बाद 2016 में यादवेंदु रोहतास नगर परिषद में 2.92 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले से जुड़े विवाद में पड़ गया.
2021 तक अपने संबंधों का लाभ उठाते हुए, यादवेंदु ने दानापुर नगर परिषद में शहरी विकास और आवास विभाग में अपना स्थानांतरण करवा लिया. सूत्रों से पता चला है कि परिषद के भीतर उनका प्रभाव है, खासकर आगामी आवासीय परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में. 2023 में वरिष्ठ सहयोगियों के साथ विवाद के कारण यादवेंदु का जल संसाधन विभाग में स्थानांतरण हो गया.
EOU को मिले कई अहम सबूत
EOU के मुताबिक, यादवेंदु ने अपने साले के बेटे और कई अन्य उम्मीदवारों को पहले से लीक हुए प्रश्न पत्र उपलब्ध कराकर उनकी मदद की. जांच में ऐसे पुख्ता सबूत मिले हैं जो NEET 2024 के पेपर लीक होने की पुष्टि करते हैं, जिनका खुलासा कथित तौर पर 5 मई को निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले किया गया था. परीक्षा के दिन अधिकारियों ने NHAI गेस्ट हाउस परिसर में रीना यादव को गिरफ्तार किया, जहां से एक आपत्तिजनक OMR शीट बरामद की गई. गेस्ट हाउस के रजिस्टर में रहस्यमयी ‘मंत्री जी’ के साथ अनुराग यादव का नाम दर्ज होने से मामले में एक और रहस्य जुड़ गया.