Lok Sabha Election: पहली लिस्ट में 50 से कम उम्र के सिर्फ 12 प्रत्याशी, कांग्रेस क्यों दे रही वरिष्ठ नेताओं को टिकट? जानिए क्या है प्लान
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीते दिन शुक्रवार को कांग्रेस ने 39 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी. कांग्रेस की पहली लिस्ट में 4 महिलाएं, 15 सामान्य, 24 एससी-एसटी, ओबीसी प्रत्याशियों को शामिल किया गया है. वहीं इस लिस्ट में सिर्फ 12 प्रत्याशी ही ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम हैं. यानी कि पार्टी ने अपने पुराने नेताओं को एक बार फिर से मैदान में उतारा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि पार्टी में नए चेहरों की कमी है या यह कांग्रेस की सियासी रणनीति का हिस्सा है. वहीं सूत्रों का कहना है कि चुनाव की अहमियत को देखते हुए पार्टी ने उन नेताओं को जबरन चुनाव में उतारा है जो चुनाव लड़ने से परहेज कर रहे थे.
छत्तीसगढ़ में पूर्व मंत्रियों को मिला जिम्मा
कांग्रेस ने पहली लिस्ट में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत दो पूर्व मंत्रियों ताम्रध्वज साहू और शिव डहरिया को मैदान में उतारा गया है. छत्तीसगढ़ में जिन कांग्रेस के सीनियर मंत्रियों ने मंत्री पद संभाला था, उन्हें अब बीजेपी के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी दी गई है.
केरल में वरिष्ठ नेताओं पर जताया भरोसा
ऐसा ही कुछ केरल की 20 में से 16 सीटों पर घोषित प्रत्याशी के नाम देखे तो वायनाड से राहुल गांधी के अलावा पार्टी ने शशि थरूर और केसी वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा जताया है. इसके अलावा ज्योत्सना महंथ और डीके सुरेश को भी मैदान में उतारा गया है. इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस ऐसे नेताओं को टिकट दे रही है जो राष्ट्रीय सियासत तक में अपनी अलग पहचान रखते हैं।
MP में कमलनाथ, दिग्विजय पर बढ़ सकता है दबाव
छत्तीसगढ़ और केरल में वरिष्ठ नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने का फार्मूला बताता है कि मध्य प्रदेश में भी वरिष्ठ नेताओं पर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रेसर बढ़ सकता है. एमपी में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से लेकर जीतू पटवारी जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी लोकसभा चुनाव में टिकट दिया जा सकता है.
राजस्थान में गहलोत-पायलट भी लड़ सकते हैं चुनाव
वहीं राजस्थान के सूत्रों की माने तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर जोधपुर से और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी पर जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ने का दबाव लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. चर्चा यह भी है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी लोकसभा चुनाव लड़ना पड़ सकता है.
हरियाणा में विधासनभा से ज्यादा लोकसभा पर फोकस!
हरियाणा में इसी साल विधासनभा चुनाव भी होने वाले हैं. वहीं राज्य के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरा ध्यान विधानसभा चुनावों पर है लेकिन सूत्रों के मुताबिक राज्य में साख बचाने की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस उन्हें भी लोकसभा चुनाव के मैदान में टिकट दे सकती है. वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा से लेकर किरण चौधरी के भी हरियाणा से आम चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें हैं.
महाराष्ट्र में मुकुल वासनिक होंगे मैदान में!
जानकार सूत्रों से मिले संकेतों के आधार पर लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासी पेंच उलझी पार्टी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से लेकर विजय वडेट्टीवार, बाला साहेब थोराट, माणिकराव ठाकरे, कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक और पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे जैसे वरिष्ठ नेताओं पर दांव लगा सकती है.
कांग्रेस वरिष्ठ नेताओं पर क्यों जता रही इतना विश्वास?
अब सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी वरिष्ठ नेताओं पर इतना विश्वास क्यों दिखा रही है? दरअसल, पार्टी उन नेताओं पर फोकस कर रही है, जो कांग्रेस के बड़े नाम हैं और अपने अपने इलाकों समेत आस-पास के विरोधी नेताओं के गढ़ में सेंध लगाने में सक्षम हो सकते हैं. इसीलिए कांग्रेस ऐसे ही नेताओं पर जोर लगा रही है जो जीतने की पूरी क्षमता से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि पार्टी का वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा जताने का यह फैसला सही होगा या आगामी चुनाव में बड़ा डेंट डालेगी.