दो दिनों के रूस दौरे पर रवाना हुए PM Modi, BRICS समिट में लेंगे हिस्सा
PM Modi: BRICS समिट में हिस्सा लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर 22 अक्टूबर को रूस के कजान शहर रवाना हो चुके हैं. BRICS समिट के दौरान वैश्विक स्तर पर चर्चा का केंद्र न केवल BRICS देशों के बीच आर्थिक सहयोग होगा, बल्कि दुनिया की नजर इस पर भी रहेगी कि पीएम मोदी किन देशों के प्रमुखों के साथ बाइलेटरल मीटिंग करेंगे.
पुतिन के साथ पीएम मोदी की वार्ता
आज मंगलवार को पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बाइलेटरल मीटिंग हो सकती है. ये मुलाकात दोनों राजनेताओं के बीच पिछले 5 महीने के अंदर दूसरी मुलाकात होगी. ये चौथा मौका है जब BRICS समिट का आयोजन रूस में हो रहा है. रूस इससे पहले तीन बार 2009, 2015 और 2020 में BRICS समिट की मेजबानी कर चुका है. 2020 में कोविड-19 के चलते इसका आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ था.
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— Vistaar News (@VistaarNews) October 22, 2024
जिनपिंग के साथ पीएम मोदी की बाइलेटरल मीटिंग
BRICS समिट के दौरान 2 साल बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बाइलेटरल मीटिंग हो सकती है. दोनों के बीच मुलाकात G20 समिट 2022 के दौरान इंडोनेशिया के बाली में हुई थी. इस मुलाकात की संभावना भारत और चीन के बीच लद्दाख में पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते से और बढ़ गई है. हाल ही में LAC पर सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत और चीन के बीच नया समझौता हुआ है. यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को लेकर हुआ है, जो दोनों देशों के संबंधों में सुधार का संकेत है.
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क्या है BRICS?
2006 में बने BRICS में पहले ब्राजील, रूस, भारत और चीन (BRIC) शामिल थे. 2010 में साउथ अफ्रीका को इसमें शामिल किया गया और तब से इसे ‘BRICS’ कहा जाने लगा. BRICS समिट का आयोजन अब तक 15 बार हो चुका है और ये 16वां आयोजन है. BRICS ग्लोबल इकोनॉमी के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और यह ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस समिट के बाद आने वाले समय में दुनियाभर पर BRICS की भूमिका और भी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि सदस्य देश आर्थिक सहयोग के नए मार्ग तलाशने और ग्लोबल चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट हो रहे हैं.
इन देशों को मिला है न्योता
BRICS समिट में रूस, ब्राजील, चीन, भारत और साउथ अफ्रीका के साथ-साथ कई अन्य देशों को भी न्योता दिया गया है. इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, यूएई जैसे महत्वपूर्ण देशों के साथ-साथ आर्मेनिया, कजाकिस्तान, क्यूबा, श्रीलंका, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला भी शामिल हैं.