भारत में कितना खतरनाक है ब्रेस्ट कैंसर?
Breast Cancer
Breast Cancer: भारत में ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर समस्या है. महिलाओं में कैंसर का सबसे आम प्रकार होने के कारण, भारतीय महिलाओं में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर का योगदान 14% है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 1,70,000 नए मामले सामने आते हैं और 90,000 से अधिक महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जान गवां देती हैं. हर चार मिनट में एक भारतीय महिला को स्तन कैंसर का पता चलता है.
भारत में स्तन कैंसर से मरने वाली महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है.ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में स्तन कैंसर बढ़ रहा है.इन आंकड़ों को बदलने का एकमात्र तरीका जागरूकता बढ़ाना है.स्तन कैंसर एक इलाज योग्य बीमारी है और अगर इसका समय पर पता चल जाए तो बचने की संभावना अधिक होती है. आज हम यहां जानेंगे कि ‘ब्रेस्ट कैंसर ’क्या है.. यह क्यों होता हैं?इसके संकेत और लक्षण के बारें में…
स्तन कैंसर क्या है?
भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है.स्तन कैंसर तब होता है जब कुछ स्तन कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. ये कोशिकाएँ स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेज़ी से विभाजित होती हैं और इकट्ठा होती रहती हैं, जिससे गांठ या द्रव्यमान बनता है. कोशिकाएँ लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं (मेटास्टेसाइज़).
स्तन कैंसर ज़्यादातर दूध बनाने वाली नलियों (इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा) या लोब्यूल्स (इनवेसिव लोबुलर कार्सिनोमा) नामक ग्रंथि ऊतक या स्तन के भीतर अन्य कोशिकाओं या ऊतकों में कोशिकाओं से शुरू होता है.
स्तन कैंसर के संकेत और लक्षण
- स्तन या बगल में गांठ बनना (सबसे आम लक्षण)
- स्तन के आकार, आकृति या दिखावट में परिवर्तन.
- निप्पल से खून या साफ़ स्राव आना.
- स्तन पर सूजन, गर्मी, लालिमा या कालापन.
- निप्पल का उल्टा होना (नया विकसित लक्षण)
- निप्पल पर खुजली, पपड़ीदार घाव या दाने.
क्यों होता हैं ब्रेस्ट कैंसर?
यह कई कारकों से प्रभावित हो सकता है, ब्रेस्ट कैंसर के कुछ प्रमुख कारण और जोखिम कारक इस प्रकार हैं:
बांझपन में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा: बांझपन और स्तन कैंसर के बीच सीधा संबंध नहीं है, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बांझपन या प्रजनन उपचार से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि यह जोखिम बहुत कम है. अगर आपको स्तन कैंसर के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें.
बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है जोखिम:बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है, खासकर 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में. हालांकि, कम उम्र की महिलाओं में भी यह हो सकता है, इसलिए नियमित जांच और जागरूकता महत्वपूर्ण है.
स्तन कैंसर का पारिवारिक व व्यक्तिगत इतिहास: यदि आपके एक स्तन में स्तन कैंसर था, तो आपको दूसरे स्तन में कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही यदि आपकी मां, बहन या बेटी को स्तन कैंसर का पता चला है, विशेष रूप से छोटी उम्र में, तो आपके लिए जोखिम बढ़ जाता है.वंशानुगत जीन जो कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं.कुछ जीन उत्परिवर्तन जो स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं, माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर हो सकते हैं. सबसे प्रसिद्ध जीन उत्परिवर्तन BRCA1 और BRCA2 हैं. ये जीन स्तन कैंसर और अन्य कैंसर के जोखिम को बहुत बढ़ा सकते हैं.
मोटापा या अधिक वजन से खतरा: मोटापे या अधिक वजन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में अधिक वसा होने से, आपका शरीर अधिक एस्ट्रोजन जमा करता है और एस्ट्रोजन ट्यूमर के विकास को उत्तेजित करता है.शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर और स्वस्थ, संतुलित आहार खाकर स्वस्थ वजन बनाए रखें.
अधिक उम्र में गर्भवती होना: जिन महिलाओं की पहली गर्भावस्था 30 वर्ष की आयु के बाद होती है, उनमें स्तन कैंसर का जोखिम थोड़ा अधिक होता है, उन महिलाओं की तुलना में जो कम उम्र में गर्भवती होती हैं. अधिक उम्र में पहली बार गर्भवती होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर यदि पहले कभी गर्भावस्था नहीं हुई है या 30 साल की उम्र के बाद पहली गर्भावस्था हुई है.
धूम्रपान व शराब पीना: धूम्रपान और शराब का सेवन दोनों ही स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. शराब पीने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. शराब की मात्रा के साथ जोखिम बढ़ता है. साथ ही जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में लगभग 10% अधिक होता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है.
अगर आपको अपने स्तनों में गांठ या कोई अन्य परिवर्तन दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें.