Lok Sabha Election: कल की सुनवाई तय करेगी अफजाल का राजनीतिक भविष्य, सजा मिली तो नामांकन में हो सकती है मुश्किल

UP Lok Sabha Election 2024: गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी(Afzal Ansari ) का राजनीतिक भविष्य इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को तय करने वाला है.
Lok Sabha Election, Afzal Ansari

गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी

UP Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव का दौर जारी है और अबतक तीन चरणों का मतदान हो चुका है. चौथे चरण के लिए सोमवार को होने वाला है. इस बीच अफजाल अंसारी(Afzal Ansari) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को तय करने वाला है. गैंगस्टर के मामले में चार साल कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा पर हाइकोर्ट में अहम सुनवाई होगी. अगर फैसला पक्ष में आया तो आखिरी दिन अफजाल गाजीपुर से नामांकन दाखिल कर सकेंगे.

30 जून तक करना है मामले का निस्तारण

बता दें कि, गैंगस्टर मामले में मिली सजा को बढ़ाने के लिए सरकार और कृष्णानंद राय के परिजनों की ओर से अपील दाखिल की गई है. इस अपील पर न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह सुनवाई कर रहे हैं. बता दें कि गाजीपुर लोकसभा सीट पर नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 14 मई है. इस लिहाज से 13-14 मई तक के 24 घंटे अफजाल अंसारी के राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. सोमवार को अदालत ने फैसला पक्ष में सुनाया तो 14 मई को अफजाल अंसारी गाजीपुर से नामांकन दाखिल कर पाएंगे. वहीं अगर फैसला उनके खिलाफ आया तो नामांकन फंस सकता है. बता दें कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो साल से अधिक सजा पाया हुआ व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है. गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस मामले का निस्तारण 30 जून तक करना है.

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कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़ा है मामला

दरअसल, BJP विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में अफजाल अंसारी(Afzal Ansari) के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया. इस पर गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर मामले में अफजाल को दोषी करार देते हुए चार साल की कैद के साथ एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसी सजा के खिलाफ अफजाल ने इलाहाबाद HC का दरवाजा खटखटाया. इस दौरान हाइकोर्ट ने फौरी राहत देते हुए उन्हें जमानत तो दी, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई थी. इस कारण उनकी संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब इसी मामले में सोमवार को सुनवाई होगी और इसी के साथ अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा.

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