Lok Sabha Election 2024: देश में 19 अप्रैल से 18वीं लोकसभा के लिए पहले चरण का मतदान होने वाला है, लेकिन विपक्ष की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. BJP के अगुवाई वाले NDA से लड़ने उतरी कांग्रेस की अगुवाई वाली ‘INDI’ गठबंधन खुद में उलझी हुई नजर आ रही है. अब तक तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार को ही ‘INDI’ गठबंधन का सूत्रधार बताया जाता रहा है. कहा यह भी जाता है कि पश्चिम बंगाल की सीएम की ममता बनर्जी ने इस गठबंधन को बनाया था. वहीं कांग्रेस तो हर बात की तरह ही इस बात का भी क्रेडिट राहुल गांधी को देती दिख रही है. अब ऐसे में विपक्षी एकता में एक नए विवाद जन्म होते दिख रहा है. दरअसल, ‘INDI’ गठबंधन में शामिल दो दिग्गज मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी के बयानों ने लोकसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी को और बड़ा दिया है.
नाम भी मेरा ही दिया हुआ है- ममता बनर्जी
बीते दिन ममता बनर्जी ने नदिया जिले कृष्णानगर में TMC प्रत्याशी महुआ मोइत्रा के समर्थन में रैली की.इस दौरान उन्होंने बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि ‘मैंने अखिल भारतीय स्तर पर INDIA गठबंधन बनाया. नाम भी मेरा ही दिया हुआ है. मैं वोट के बाद देखूंगी.’ उनके इस बयान से यह साफ है कि वह ‘INDI’ गठबंधन को बनाने का क्रेडिट किसी और को नहीं देना चाहती हैं. ऐसे में ‘INDI’ गठबंधन को बनाने का क्रेडिट लेने के लिए होड़ शुरू हो गई है.
हमने कई दलों के नेताओं को घर बुलाया- खड़गे
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा कि INDI’ गठबंधन आइडिया नीतीश कुमार का नहीं था. हुआ यूं था कि मेरे आवास पर राहुल गांधी ने कहा था कि हमें सभी को इकट्ठा करना है. इसके बाद तय हुआ कि हर नेता को बुलाकर हम बात करेंगे और उनसे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर लड़ने का प्रस्ताव देंगे. इसी के तहत हमने कई दलों के नेताओं को घर बुलाया. इनमें शरद पवार, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और डीएमके पार्टी के लोग शामिल थे. हमने इसी तरह कई पार्टियों के नेताओं के साथ बातचीत की. यह तो बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की बात है कि नीतीश कुमार इसके पीछे हैं.
पहले भी सीट शेयरिंग को लेकर पड़ चुकी है फूट
ऐसे में अब सीट शेयरिंग से लेकर तमाम तरह की बयानबाजी को लेकर कांग्रेस और TMC के बीच पहले से ही विवाद तो देखने को मिलता रहा है, लेकिन अब ममता बनर्जी के ऐलान और मल्लिकार्जुन खड़गे के इस दावे से लोकसभा चुनाव में क्या असर पड़ेगा ये देखना दिलचस्प होगा.